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समस्याओं का निराकरण न होने SDM कार्यालय में दिया धरना डॉ. चोपड़ा ने

समस्याओं का निराकरण न हुआ तो वह पैदल यात्रा कर मुख्यमंत्री और राजस्व मंत्री से मिलकर अधिकारियों की शिकायत करेंगे।

समस्याओं का निराकरण न होने SDM कार्यालय में दिया धरना डॉ. चोपड़ा ने

महासमुंद:-राजस्व विभाग के समस्याओं का कई वर्षों से निराकरण न होने और अधिकारियों की भर्राशाही व मनमानी के चलते बुधवार को पूर्व विधायक डॉ. विमल चोपड़ा व साथियों ने एस.डी.एम. कार्यालय परिसर में ग्राम पाली, बरोंडा बाजार, खैरा, खरोरा, महासमुंद के किसानों ने एस.डी.एम. कार्यालय में फर्श पर बैठकर धरना दिया और जमकर नारेबाजी कर आक्रोश व्यक्त किया।

20 नवंबर को भाजपा प्रदेश प्रवक्ता एवं पूर्व विधायक डॉ. विमल चोपड़ा व साथियों ने एस.डी.एम. कार्यालय परिसर में राजस्व विभाग संबंधी समस्याओं से पीड़ित किसानों और लोगों की समस्याएं सुनी । लोगों की समस्याओं को सुनने के पश्चात् डॉ. चोपड़ा और साथियों ने एस.डी.एम. से मिलकर चर्चा की और लोगों की समस्याओं को निराकरण करने की बात कही।

लंबित मामलों का निराकरण नहीं

चर्चा के दौरान अधिकारियों द्वारा हर बार की तरह इस बार भी टाल मटोल किया गया तथा वर्षों पुराने लंबित मामलों का कोई निराकरण नहीं किया गया न ही प्रकरणों के निराकरण के लिए कोई नियत तिथि बताई गई, जिससे आक्रोश होकर पीड़ित किसानों ने फर्श पर बैठकर धरना दे दिया और राजस्व विभाग और विभागीय अधिकारियों विरोध में नारेबाजी करने लगे। जिसके बाद पूर्व विधायक डॉ. चोपड़ा और अधिकारियों की समझाइश के पश्चात् लगभग 10 मिनट बाद पीड़ित किसान शांत हुए तब जाकर किसानों ने धरना समाप्त किया ।

समस्याओं का निराकरण न होने SDM कार्यालय में दिया धरना डॉ. चोपड़ा ने

डॉ. चोपड़ा ने कहा कि मुख्यमंत्री, राजस्व मंत्री, मंत्रालय और कलेक्टर से सीधा निर्देश होने के बावजूद भी राजस्व विभाग के प्रकरणों का निराकरण नहीं हो पा रहा है, जबकि स्थानीय कलेक्टर द्वारा एक माह पहले से ही निर्देश दे दिया गया है कि जितने भी पुराने राजस्व विभाग संबंधी प्रकरण लंबित हैं उन्हें नियत समय सीमा के सुलझाया जाए इसके बाद भी राजस्व अधिकारियों की मनमानी के चलते प्रकरणों का निराकरण नहीं किया जा रहा और किसानों को प्रताड़ित कर कर आर्थिक और मानसिक क्षति पहुंचाया जा रहा है।

किसानों के शांत होने और धरना समाप्त करने के पश्चात् अधिकारियों ने किसानों से लंबित मामलों को निराकरण करने हेतु एक सप्ताह का समय मांगा जिस पर किसानों ने समय देते हुए कहा कि समस्याओं का निराकरण न हुआ तो वह पैदल यात्रा कर मुख्यमंत्री और राजस्व मंत्री से मिलकर अधिकारियों की शिकायत करेंगे और प्रकरणों के निराकरण हेतु मांग करेंगे।

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