दिल्ली-रेलवे सुरक्षा बल (RPF) को रेलवे संपत्ति, यात्री क्षेत्र और यात्रियों की सुरक्षा की जिम्मेदारी सौंपी गई है। आरपीएफ यात्रियों को सुरक्षित और आरामदायक यात्रा अनुभव प्रदान करने के लिए चौबीसों घंटे काम कर रही है। यह यात्रियों को सुरक्षित माल परिवहन सेवा प्रदान करने में भारतीय रेलवे की सहायता करती है।
RPF ने रेलवे संपत्ति के खिलाफ अपराध का पता लगाने के लिए उपाय करने के साथ-साथ निरोधक उपायों के जरिए पूरे देश में स्थित रेलवे की विशाल संपत्ति की सुरक्षा की जिम्मेदारी को भी निभाया है। साल 2021 के दौरान आरपीएफ की उपलब्धियों का संक्षिप्त विवरण इस तरह से है
महामारी के दौरान कोविड के प्रसार को रोकने के लिए आरपीएफ ने 522 ऑक्सीजन विशेष ट्रेनों को शुरुआती स्टेशन से गंतव्य तक सुरक्षा प्रदान की उनके द्वारा प्रमुख स्टेशनों पर कोविड सहायता बूथों को संचालित किया गया, जिन्होंने कई स्रोतों से सत्यापित जानकारी प्राप्त की और जरूरतमंदों को तत्काल सहायता प्रदान करने के अलावा उन्हें कोविड संसाधनों की उपलब्धता के बारे में जानकारी प्रदान की। 2021 के दौरान 26 आरपीएफ कर्मियों ने काम के दौरान कोविड संक्रमित होने के चलते अपनी जिंदगी न्यौछावर कर दी।
एक यात्री को चलती ट्रेन के नीचे फिसलने से बचाया देखे विडियो
RPF कर्मियों ने साल 2021 के दौरान अपनी सुरक्षा की चिंता किए बिना अपनी ड्यूटी की सीमा से कहीं आगे जाकर 601 व्यक्तियों की जिंदगी को बचाया। एनसीआर (उत्तर प्रदेश) के भरवारी रेलवे स्टेशन पर 2 मार्च, 2021 को हेड कांस्टेबल ज्ञान चंद ने अदम्य साहस दिखाते हुए आत्महत्या की कोशिश करने वाली एक महिला को बचाते हुए अपना जीवन बलिदान कर दिया।
आरपीएफ “मिशन जीवन रक्षा” के तहत मिशन मोड में लोगों की जिंदगी को बचा रही है। इस मिशन के तहत पिछले चार वर्षों में आरपीएफ के जवानों ने रेलवे स्टेशनों पर चलती ट्रेनों के पहियों की चपेट में आने से 1,650 लोगों की जिंदगी बचाई है। बीते 4 वर्षों में जीवन बचाने में आरपीएफ कर्मियों के प्रयासों को मान्यता देने के लिए भारत के राष्ट्रपति ने आरपीएफ कर्मियों को 9 जीवन रक्षा पदक और एक वीरता पदक से सम्मानित किया है।
लंबी दूरी की ट्रेनों में विशेष रूप से अकेली यात्रा करने वाली या अपराध की दृष्टि से कमजोर महिलाओं को सुरक्षा प्रदान करने के लिए एक पहल “मेरी सहेली” शुरू की गई थी। आरपीएफ ने इस उद्देश्य के लिए पूरे भारत के प्रमुख रेलवे स्टेशनों पर 244 “मेरी सहेली” दलों की तैनाती की है।
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RPF रेल परिवहन के जरिए मानव तस्करी के मामलों में तत्काल कदम उठाती है और इस अपराध को रोकने में महत्वपूर्ण भूमिका निभाती है। साल 2021 के दौरान आरपीएफ ने 630 व्यक्तियों को मानव तस्करों के चंगुल से छुड़ाया। इसमें 54 महिलाएं, 94 नाबालिग लड़कियां, 81 पुरुष और 401 नाबालिग लड़के शामिल हैं।
आरपीएफ ने कई वजह से अपने परिवार से खोए/बिछड़े हुए बच्चों को फिर से मिलाने में महत्वपूर्ण भूमिका निभाई है। इसके अलावा भारतीय रेलवे के संपर्क में आए देखभाल और सुरक्षा की जरूरत वाले 11,900 से अधिक बच्चों को बचाया है। पूरे देश में 132 चाइल्ड हेल्प डेस्क कार्यरत हैं।
रेलवे संपत्ति का संरक्षण और सुरक्षा के तहत आरपीएफ ने साल 2021 में 5.83 करोड़ रुपये की चोरी की गई रेलवे संपत्ति की वसूली के साथ इस तरह के अपराध में शामिल 8,744 लोगों को गिरफ्तार किया है। टिकट दलालों के खिलाफ कार्रवाईकरते हुए 4,600 से अधिक लोगो की गिरफ्तारी के साथ 4,100 से अधिक मामले दर्ज किए। इन दलालों के पास से 2.8 करोड़ रुपये व् यात्रा टिकटों को जब्त किया गया।
रेलवे स्टेशन में बाहर से आने वाली यात्रियों की आज से कोरोना जांच
नशीले पदार्थों के खिलाफ कार्रवाई के मामले में RPF ने साल 2021 के दौरान 620 ड्रग पेडलर (नशीले पदार्थों के व्यापार में शामिल व्यक्ति) की गिरफ्तारी के साथ 15.7 करोड़ रुपये से अधिक मूल्य के नशीले पदार्थों की बरामदगी में सफलता प्राप्त की। वन्यजीव तस्करों के खिलाफ कार्रवाई मामले में आरपीएफ ने 2021 के दौरान चंदन की लकड़ी और पशु व वनस्पतियों के साथ-साथ कई प्रतिबंधित वन्यजीव यानी पक्षी, सांप, कछुआ, मोर, सरीसृप और उनके प्रसंस्कृत उत्पादों को बरामद की है।
आरपीएफ द्वारा यात्रियों के छूटा हुआ सामान वापसी मामले में साल 2021 के दौरान 12,377 यात्रियों से संबंधित 23 करोड़ रुपये से अधिक मूल्य के छूटे हुए सामान को सत्यापन के बाद उन्हें वापस कर दी। आरपीएफ ‘ऑपरेशन अमानत’ के तहत यात्रियों को यह सेवा प्रदान कर रही है।
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