महासमुन्द-अब सोना बिना हाॅलमार्किंग के बेचना आसान नहीं होगा। हाॅलमार्क सरकारी गारंटी है। हाॅलमार्क का निर्धारण भारत की एकमात्र एजेंसी ब्यूरो आफ इंडियन स्टैंडर्ड (बीआईएस) करती है। हाॅलमार्किंग में किसी प्रोडक्ट को तय मापदंडों पर प्रमाणित किया जाता है। कलेक्टर डोमन सिंह ने मंगलवार को भारतीय मानक ब्यूरों शाखा कार्यालय रायपुर के बी. गोपीनाथ के साथ बैठक ली। उन्होंने कहा कि स्व-सहायता समूह के द्वारा बनाए जा रहें उत्पादों का भी सर्टिफिकेशन की योजना की बात कही ताकि जिले के सहायता समूह द्वारा बनायी जा रही उत्पादों की गुणवत्ता में विश्वसनीयता आए और उनकी बिक्री बढ़े। इस अवसर पर जिला पंचायत के मुख्य कार्यपालन अधिकारी डाॅ. रवि मित्तल, अपर कलेक्टर जोगेन्द्र कुमार नायक सहित जिला स्तरीय अधिकारीगण उपस्थित थे।
“रोजगार मेला “संकल्प परियोजना भारत सरकार के अंतर्गत 15 मार्च से
भारतीय मानक ब्यूरों शाखा के बी. गोपीनाथ ने बताया कि भारत में बीआईएस वह संस्था है जो गुणवत्ता स्तर की जाॅच करती है। सोनें के सिक्के या गहनें पर हाॅलमार्क के साथ बीआईएस का लोगो लगाना जरूरी है। इससे पता चलता है कि बीआईएस की लाईसंस वाली लैब में इसकी शुद्धता की जाॅच की गई है। इसके लिए नया नियम लागू होने के बाद सोनें के गहनों को खरीदनें वाले ग्राहकों को ठगना आसान नहीं होगा। प्रत्येक ज्वेलरी पर हाॅलमार्क जरूरी होगा। नए उपभोक्ता कानून आने से 14, 18, और 22 कैरेट सोनें में हाॅलमार्किंग जरूरी होगी। जल्दी ही केन्द्र सरकार हर जिलों में हाॅलमार्किंग सेंटर खोलनें की योजना बना रही है। सरकार ने अब तक देश के 34 जिलों में 921 हाॅलमार्किंग सेंटर खोलें हैं।
690 करोड़ रुपये की धोखाधड़ी करने वाले दो लोगों को गिरफ्तार किया डीजीजीआई ने
477 नग हीरे के साथ दो अन्तर्राज्यीय तस्कर गिरफ्तार अबतक की सबसे बडी कार्यवाही
भारतीय मानक ब्यूरों शाखा गोपीनाथ ने बताया कि जो लोग हाॅलमार्क सेटर खोलना चाहते हैं। ज्वेलर्स को बीआईएस रजिस्ट्रेशन कराना होगा इसके लिए आन लाइन अप्लाई कर सकते हैं। आवेदन के बाद संबंधित विभाग वेरीफिकेशन का काम करेगा। उसके बाद सेंटर को फ्रेंचाईसी मिल जाएगी।
अगले सालों में देश के हर ब्लाॅक में हाॅलमार्क सेंटर खोले जायेंगे। केन्द्रीय सरकार, उपभोक्ता मामले, खाद और सार्वजनिक वितरण मंत्रालय (उपभोक्ता मामलें जभार्ग) के आदेश 9 अक्टूबर 2020 और संशोधन 15 जनवरी 2021 के अनुसार 01 जून 2021 से स्वर्ण एवं स्वर्ण धातु के आभूषणों एवं वास्तुशिल्प उत्पादो में भारतीय मानक ब्यूरो के हॉलमार्क अनिवार्य है।
यह अनिवार्यता 2 ग्राम से कम वजन में लागू एवं निर्यात में लागू नहीं है। उन्होंने बताया कि इसके लिए प्रचार-प्रसार किए जाएं और आगामी समय में जिले में भी इस संबंध में जानकारी देने के लिए कार्यशाला का आयोजन किया जाएगा। हॉलमार्किंग योजना का मुख्य उद्देश्य मिलावटी सोने से जनता की रक्षा करना और महीनता का वैध मानको को बनाए रखने के लिए निर्माताओ को बाध्य करना हैैै।
हमसे जुड़े :–https://dailynewsservices.com/