बलौदाबाजार- देश के दस राज्यों में बर्ड फ्लू की पुष्टि होने के साथ ही जिले में विशेष सतर्कता रखते हुए पशुधन विकास विभाग द्वारा पक्षियों में असमान्य मृत्यु अथवा बिमारी की सतत् निगरानी हेतु त्वरित कार्रवाई दल(रैपिड रिस्पांस टीम) गठित की गई है।
टीम के सदस्य के रूप में नियुक्त डाॅ. तरूण सोनवानी मोबाईल फोन 76975-75232, डाॅ.एल.एन.जायवाल मोबाईल नम्बर 96178-63118 तथा राजेश कुमार वर्मा मोबाईल नम्बर 97533-11484 को पक्षियों के असामान्य मृत्यु की सूचना दी जा सकती है। विकासखण्ड के मैदानी अमले को क्षेत्र अंतर्गत आने वाले कुक्कुट फार्म, प्रवासी पक्षियों के जलाशय, बैकयार्ड कुक्कुट, बतख, जंगली पक्षियों में किसी भी प्रकार के रोग प्रकोप अथवा मृत्यु पर सतर्कता रखने निर्देशित किया गया है।
उप संचालक पशु चिकित्सा सेवाएं डाॅ. चन्द्रकांत पाण्डेय ने बताया कि पशु चिकित्सा विभाग द्वारा पक्षी पालकों, मांस तथा अण्डा उपभोक्ताओं के जागरूकता हेतु दिशा-निर्देश जारी किया गया है। इस हेतु मोबाईल उपभोक्ताओं के लिए गूगल प्ले स्टोर से एक्शन बर्ड फ्लू एप्प डाउनलोड कर सामान्य जानकारी प्राप्त किया जा सकता है।
छत्तीसगढ़ में अब तक बर्ड फ्लू की नहीं हुई अधिकारिक पुष्टि
350 किमी बाईक से सफर कर पिता-पुत्र ने पहुचाया मृत पक्षियों का सेम्पल
बर्ड फ्लू एक वायरस जनित रोग है, जो मुर्गियों के साथ-साथ बतख तथा अन्य पक्षियों में गंभीर सांस की बीमारी और मौत का कारण बन सकता है। यह कभी-कभी मनुष्यों को भी प्रभावित कर सकता है। संक्रमित पक्षियों या दूषित कर्मिकों और उपकरणों के आवागमन से कुक्कुट घरों में बर्ड फ्लू का प्रसार होता है। वन्य प्रवासी पक्षियों का मल अथवा पंखों के साथ संपर्क से भी बर्ड फ्लू के संक्रमण की संभावना बढ़ सकता है। पूरी तरह से पके हुए मांस और अण्डे के सेवन से बर्ड फ्लू मनुष्यों में नहीं फैलता है।
राज्य अथवा जिले में अब तक बर्ड फ्लू के कोई प्रकरण नहीं प्राप्त हुए है। कुछ जिलो में नमूने परीक्षण हेतु भोपाल भेजे गये थे जिनमें जिला बालोद से भेजा गया नमूनों में बर्ड फ्लू नहीं पाया गया है। छुटपुट पक्षियों के मरने की जानकारी प्राप्त हुई है, जिसमें अम्बुजा काॅलोनी में कुछ कौवों की मृत्यु पश्चात सेम्पल लिया गया है। रेण्डम सेम्पलिंग हेतु कुछ मुर्गी फार्म व ग्रामों से भी नमूनें लिए गए हैं। जिसे परीक्षण हेतु भेजा जा रहा है। सतर्कता के तौर पर अन्य राज्यों से पक्षियों के परिवहन नही करने की सलाह दी गई है।
बैकयार्ड, जंगली अथवा प्रवासी पक्षियों पर भी निगरानी के साथ ही पक्षियों के विक्रय स्थल पर भी विक्रतोओं को जागरूक व सतर्क रहने कहा जा रहा है। जिले के समस्त संस्थाओं में बर्ड फ्लू के के बारे में सर्तक रहने तथा विशेष सांवधानियाँ बरतने हेतु दिशा-निर्देश जारी किये गये। विशेष कर वन अंचल के ग्रामों में साथ ही मैदानी अमले को निर्देश जारी किये गये है कि वन विभाग के अधिकारी-कर्मचिारियों से सतत् समन्वय बनाकर प्रतिदिन बर्ड फ्लू के बारे में रिपोर्ट प्रस्तुत करें ।संकलित रिपोर्ट को प्रतिदिन संचानालय भेजा जा रहा है।
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