महासमुंद। नगर के प्रतिष्ठित औद्योगिक घराने श्रीश्रीमाल परिवार द्वारा महासमुंद शहर के ह्रदय स्थल में नव निर्मित मेघ बसंत आवासीय परिसर में दिपावली मिलन के अवसर पर कवि सम्मेलन का सफल और गरिमापूर्ण आयोजन किया गया। अरूण जेमिनी दिल्ली, राजेश रेड्डी मुंबई, के अलावा महासमुंद के ईश्वर शर्मा और अशोक शर्मा ने हास्य-व्यंग्य की चुटीली रचनाओं के साथ गीत-ग़ज़ल,दोहों की उत्कृष्ट रचनाओं की प्रस्तुति से सुधि श्रोताओं को मंत्रमुग्ध किया।
आयोजन की भूमिका पर प्रकाश डालते हुए मेघ-बसंत कॉलोनी के संचालक धरमचंद श्रीश्रीमाल ने कोरोना के समय में परिजनों से एक दूसरे से न मिल पाने की विवशता को रेखांकित करते हुए ऐसे आयोजनों की आवश्यकता और निरंतरता का संकल्प व्यक्त किया। आमंत्रित कवियों का स्वागत राजेश श्रीश्रीमाल ने किया। वरिष्ठ व्यंग्यकार ईश्वर शर्मा के कुशल संचालन में प्रारंभ कवि सम्मेलन की शुरुआत नगर के सुप्रसिद्ध ग़ज़लकार अशोक शर्मा ने अपनी ग़ज़लों और दोहों से की। उनकी रचनाओं के रंग देखें–
*चाँद गिरवी हो गया है अब महाजन के यहाँ
ब्याज की होती वसूली चाँदनी से इन दिनों।*
जुल्म है ,इंकलाब भी होगा,वक्त का पैर फिर से भारी है।
कुछ न कुछ माँगता रहा हरदम, हर सिकंदर यहाँ भिखारी है।
अपनी ग़ज़लो के लिए देश विदेश में विख्यात शायर मुंबई के राजेश रेड्डी ने शायरी के अनेक रंग बिखेरते हुए श्रोताओं को बार बार वाह वाह करने पर विवश किया। अनूठे अंदाज में ग़ज़ल पढ़ते हुए उन्होने कहा–
*यहाँ हर शख़्स हर पल हादसा होने से डरता है
खिलौना है जो मिट्टी का फ़ना होने से डरता है।
मेरे दिल के किसी कोने में इक मासूम सा बच्चा
बड़ों की देख कर दुनिया बड़ा होने से डरता है।*
*अब क्या बताएँ टूटे हैं कितने कहाँ से हम
ख़ुद को समेटते हैं यहाँ से वहाँ से हम।
मिलते नहीं हैं अपनी कहानी में हम कहीं
गायब हुए हैं जब से तेरी दास्ताँ से हम।*
दिल्ली से पधारे हास्य-व्यंग्य के सुप्रसिद्ध कवि अरूण जेमिनी ने माईक संभालते ही अपने विशेष अंदाज में हास्य और व्यंग्य की चुटीली रचनाओं से श्रोताओं को पेट पकड़ने पर मजबूर कर दिया।हरियाणवी लहजे में हरियाणा के आम आदमी का हास्य बोध,हाजिरजवाबी, लोकभाषा और हरियाणा के लोक सौन्दर्य ने उनकी रचनाओं में ऐसा रस घोला कि अधिकाँश श्रोता देर तक पेट पकड़कर हँसते रहे। ‘साहब,सेब और राधेश्याम’ , ‘ढूँढते रह जाओगे’ जैसी चर्चित हास्य रचनाओं के अलावा उन्होंने कोरोना काल में कवि की मनोदशा को दर्शाती कोरोना पर केन्द्रित नई रचना भी सुनाई जिसका श्रोताओं ने भरपूर आंनद लिया। बीच बीच में हास्य व्यंग्य की फुलझड़ियों से भी उन्होंने लोगों को खूब गुदगुदाया। उनकी पँक्तियाँ देखें–
पुलिस को रंगरूटों का दस्ता चाहिये था नया
हरियाणे का राधेश्याम भी इंटरव्यू देने गया
इंटरव्यू में पूछा गया सिर्फ एक सवाल
राधे ने बना दिया सवाल का बवाल
सवाल था-
आप सेब खरीदने जाओगे
तो पचास रूपये किलो के हिसाब से
सौ ग्राम के कितने पैसे देकर आओगे ?
राधे बोला-
अगर मैंने सौ ग्राम सेब के भी पैसे दिये
तो पुलिस में भर्ती हो रहा हूँ,
कि ऐसी-तैसी कराने के लिये ।
हरियाणवी हास्य की उनकी मनोरंजक प्रस्तुति ने श्रोताओं को खूब लुभाया। वरिष्ठ व्यंग्यकार ईश्वर शर्मा ने न केवल मंच का कुशल संचालन किया बल्कि अपनी प्रसिद्द गद्य व्यंग्य रचना ‘फायर ब्रिगेड’ का पाठ कर मंच को एक नया आयाम दिया। फायर ब्रिगेड के माध्यम से उन्होने गहरा व्यंग्य करते हुए स्वार्थी राजनेताओं ओर सामाजिक व्यवस्था की जमकर खबर ली और कहा कि – ‘हर कोई अपनी अपनी क्षमता का फायर ब्रिगेड लेकर दुर्दशा की चरम स्थिति की लालसा लिए हुए है ताकि इस दुर्दशा को दूर करने में उसकी भूमिका का महत्व स्थापित हो सके।
इस अवसर पर मेघ-बसंत कॉलोनी के संचालक राजेश श्रीश्रीमाल की षष्ठीपूर्ति का उल्लेख करते हुए मंच और उपस्थित परिजन तथा आमंत्रित अतिथियों ने उन्हे शुभकामनाएं दीं। एक लंबे अंतराल के बाद सम्पन्न इस सुरुचिपूर्ण और गरिमामय आयोजन का आमंत्रित श्रोताओं और श्रीश्रीमाल परिवार के परिजन ने खूब आनंद लिया।
आयोजन में म.प्र और छत्तीसगढ़ शासन के पूर्व मंत्री तथा राजिम विधानसभा के वर्तमान विधायक अमितेश शुक्ल,रायपुर के पूर्व विधायक और महापौर स्वरूप चंद जैन सहित विभिन्न स्थानों से पधारे श्रीश्रीमाल परिवार के परिजन,रायपुर,पिथौरा, कोमाखान, बागबाहरा तथा महासमुंद के अनेक साहित्यकार तथा आमंत्रित अतिथि, महिला और पुरूष बड़ी संख्या में उपस्थित थे और पूरे कार्यक्रम के दौरान लगातार मंच से जुड़े रहकर न केवल स्वंय आनंद लेते रहे बल्कि रचनाकारों को भी तालियों और वाहवाही से प्रोत्साहित करते हुए कार्यक्रम को जीवंत बनाए रखने में सहायक हुए।
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