भारतीय महिला बॉक्सर लवलीना बोरगोहेन ने टोक्यो ओलंपिक में इतिहास रच दिया है । वह सेमीफाइनल में पहुंच गई है इसके साथ ही वह कांस्य के रूप में भारत का एक और पदक पक्का हो गया है ।चीनी ताइपे की खिलाड़ी नीएन चिन चेन को 4-1 से शिकस्त दी। अब सेमीफाइनल में उसका मुकाबला मौजूदा विश्व चैंपियन तुर्की के मुक्केबाज बुसानेज सर्मनेली से होगा ।
विश्व चैंपियन में दो बार कांस्य पदक जीत चुकी लवलीना बोरगोहेन ने मैच के दौरान शानदार प्रदर्शन करते हुए अपनी प्रतिद्वंदी को हराया है ,मुकाबले के आखिरी 3 मिनट में उन्होंने अपने डिफेंस पर नियंत्रण रखा और अपने प्रतिद्वंदी पर भारी पड़ी । ओलंपिक इतिहास में लवनीला पहले एमसी मैरीकॉम ने 2012 लंदन ओलिंपिक में ब्रॉन्ज मेडल जीता था ।ओलंपिक इतिहास में भारत की ओर से सिर्फ दो बाक्सर महिला ही मेडल जीत सकी है ।
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टोक्यो में महिला वर्ग (64-69 किग्रा) के बॉक्सिंग में क्वार्टर फाइनल जीतने के बाद बॉक्सर लवलीना बोरगोहेन ने कहा है कि मैं अब आपको धन्यवाद नहीं कह सकता। फाइनल के बाद मैं इसे सभी से कहूंगी । मैं मुक्केबाज मुहम्मद अली के फुटवर्क और लंबे पंच का अनुसरण करती हूं बॉक्सिंग में कदम रखने के बाद, मैंने केवल मैरी कॉम का नाम ही सुना है। यह वास्तव में अच्छा लगता है कि वह यहां खेलों में हमारे साथ है। उसने बहुत संघर्ष किया है और मैं उससे प्रेरणा लेती हूं ।
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बॉक्सर लवलीना बोरगोहेन का कहना है कि खेल में दबाव हमेशा बना रहता है।
लेकिन, इस बार मैंने दबाव में नहीं खेलने की कोशिश की क्योंकि इससे प्रदर्शन
पर असर पड़ता है। मुझे पता था कि पूरा देश मेरे लिए दुआ कर रहा है।
मुझे बस अपना सर्वश्रेष्ठ प्रदर्शन देना था ।
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