Home छत्तीसगढ़ सहकारी समितियों में हड़ताल के चलते तालाबंदी,बढ़ी किसानो की समस्या

सहकारी समितियों में हड़ताल के चलते तालाबंदी,बढ़ी किसानो की समस्या

प्रदेश में आधे से ज्यादा राशन दुकान समितियों के हाथ में है

Due to strike in cooperative societies, the problem of farmers increased
खल्लारी-खेती किसानी के दौरान खेतो मैं रोपा लगाने का कार्य, बियासी का कार्य जोरों पर हैं ऐसे वक्त पर सहकारी समिति कर्मचारियों ने समितियों में ताला जड़कर किसानों की समस्या बढ़ा दी है सहकारी कर्मचारियों के हड़ताल का आज  सातवा दिन है जिले के समितियों में तालाबंदी है कर्मचारियों के हड़ताल में चले जाने से बाजार में यूरिया की कीमत 270 के जगह 400 रुपए प्रति बोरी तथा डीएपी 1200 की जगह 1400 रुपए बोरी तक के बिकने की खबर खबरें आ रही है जिसे लेकर किसान नाराज दिख रहे हैं।

समितियों के तालेबंदी से इन्हे हो रही दिक्क़ते :-

प्रदेश में आधे से ज्यादा राशन दुकान समितियों के हाथ में है इनके बंद होने से गरीब उपभोक्ताओं को राशन चावल शक़्कर नमक मिट्टी तेल अन्य सामग्री लेने में भारी दिक्क़ते  हो रही है। प्रधानमंत्री फसल बीमा योजना न्याय योजना 0% ब्याज दर पर ऋण वितरण पूरी तरह ठप है।

सहकारी समितियों द्वारा संचालित 5 राशन दुकान किए गए निलंबित

Due to strike in cooperative societies, the problem of farmers increased
मौजूदा समय में खेती किसानी के लिए खाद एवं दवाई की आवश्यकता है किसान समितियों में भटक रहे हैं निजी दुकानदारों ने आज के दाम बढ़ा दिए हैं। समितियों में पूर्णता तालाबंदी की स्थिति हैं बागबाहरा ब्लॉक में राशन दुकानों एक भी उपभोक्ताओं द्वारा बस उनका उठाव नहीं किया जाने से उपभोक्ता चिंतित है अगले माह राशन मिल पाएगा भी कि नहीं।

सतपुड़ा टाइगर रिजर्व को अर्थ गार्जियन श्रेणी के नेटवेस्ट ग्रुप अर्थ हीरोज का मिला खिताब

Due to strike in cooperative societies, the problem of farmers increased

समिति के कर्मचारियों ने आर पार की लड़ाई का बनाया मूड :-

महासंघ के बैनरतले  अनिश्चित कालीन तालेबंदी को लेकर बागबाहरा ब्लॉक अध्यक्ष जयप्रकाश साहू ने बताया की सरकार की धान खरीदी नीति मे आमूल चूल परिवर्तन की आवश्यकता है वर्तमान अनुबंध 72 घंटे मे धान का उठाव करने का है किंतु ऐसा नहीं हो रहा है।
जिससे सहकारी समितियों के कर्मचारियों को 6 महीने से लेकर के साल भर
तक का वेतन नहीं मिला है जिसके चलते समिति के कर्मचारियों ने आर पार
की लड़ाई का मूड बनाया है । युक्ति युक्तिकरण के तहत उपभोक्ता केंद्रों को
समितियों से समर्पण करा कर महिला समूह को दिए जाने से समिति के
विक्रेता चिंतित है तो फिर कर्मचारियों में  नाराजगी देखी जा रही है।