रायपुर-कुणाल राठी– कॉन्फेडरेशन ऑफ ऑल इंडिया ट्रेडर्स (कैट) के प्रदेश अध्यक्ष अमर परवानी, कार्यकारी अध्यक्ष मंगेलाल मालू, विक्रम सिंहदेव, महामंत्री जितेंद्र दोषी, कार्यकारी महामंत्री परमानंद जैन एवं कोषाध्यक्ष अजय अग्रवाल ने बताया कि केन्द्रीय वित्त मंत्री निर्मला सीतारमन को भेजे गये पत्र में ई-इनवॉइसिंग के प्रावधान को 1 जनवरी 2021 से 100 करोड़ रुपए तक के टर्नओवर वाले व्यापारियो पर लागु नहीं करने हेतु आग्रह किया ।
कैट के राष्ट्रीय उपाध्यक्ष अमर पारवानी ने बताया कि केन्द्रीय वित्त मंत्री निर्मला सीतारमण को एक पत्र भेजकर वित्त विभाग, भारत सरकार द्वारा जारी अधिसूचना क्र. 612 दिनांक 10 नवम्बर 2020 की ओर ध्यान आकर्षित करया गया है ।
पत्र में इसका है उल्लेख
पत्र में उल्लेख किया गया है कि ई-इनवॉइसिंग सम्बंधित प्रावधान 1 अक्टूबर 2020 से ऐसे व्यापारियो जिनका टर्नओवर रु. 500 करोड़ से अधिक है, पर लागु किया गया , परन्तु उक्त अधिसूचना द्वारा यह प्रावधान ऐसे व्यापारियो जिनका टर्नओवर रु. 100 करोड़ से अधिक है पर भी 1 जनवरी 2021से लागु कर दिया गया है।
ई-इनवॉइसिंग सम्बंधित प्रावधान ऐसे व्यापारियो जिनका टर्नओवर रु. 500 करोड़ से अधिक है उन पर 1 अक्टूबर 2020 से लागु किया गया है । इस नवीन प्रणाली को लागु हुए अभी केवल दो माह ही हुए है और इस नवीन प्रणाली के प्रभाव का अध्धयन किये बिना इसके प्रावधानों में परिवर्तन करना उचित नहीं है ।
250 करोड़ तक के टर्नओवर वाले व्यापारी डैडम् के अंतर्गत आते है अतः इसे छोटे व्यापारियों पर ई-इनवॉइसिंग सम्बंधित प्रावधान लागु किया जाना उचित नहीं है। एैसे छोटे व्यापारियो के पास इन प्रावधानों को सुनिश्चित करने हेतु आवश्यक इंफ्रास्ट्रक्चर एवं मैनपावर भी उपलब्ध नहीं है, साथ ही उपरोक्त प्रावधानों को सुनिश्चित करने हेतु जो व्यय होगा उसे भी छोटे व्यापारी वहन नहीं कर पायेंगें।
वर्तमान में माल ठप के प्रावधान लागु है अतः ई-इनवॉइसिंग के प्रावधान लागु करने का कोई औचित्य नहीं है ।
समय-समय पर सरकार को जीएसटी में सुधार हेतु सुझाव दिए जाते है जिसमे से एक मुख्य सुझाव है किसी भी प्रावधान को वित्तीय वर्ष के बीच में लागु नहीं किया जाना चाहिये क्योकि वित्तीय वर्ष के मध्य में प्रावधान लागु करने से एकाउंटिंग सम्बंधित समस्याएं उत्पन्न हो जाती है ।सम्पूर्ण भारत अभी भी कोरोना काल का सामना कर रहा है ।
आपके द्वारा व्यापार जगत को इसका सामना करने हेतु कई उपाय किये गए है जिसकी हम सराहना करते है, परन्तु व्यापार जगत अभी भी कोरोना काल के दुष्प्रभावो को झेल रहा है, अतः इस कठिन समय में इस प्रकार के प्रावधानों को लागु किया जाना सर्वथा अनुचित है ।
उपाध्यक्ष पारवानी ने आगे कहा कि उपरोक्त तथ्यों को ध्यान में रखते हुए आग्रह किया है कि उक्त अधिसूचना को वापस लिया जावे एवं ई-इनवॉइसिंग के प्रावधान 1 जनवरी 2021 से रु. 100 करोड़ तक के टर्नओवर वाले व्यापारियो पर लागु नहीं किये जावे ।
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