महासमुंद-जनपद अध्यक्ष भागीरथी चंद्राकर ने केंद्र सरकार के कृषि विधेयक को किसान विरोधी बताते हुए कहा कि इससे किसानों को आर्थिक नुकसान होगा। यह विधेयक किसान विरोधी होने के साथ-साथ जनविरोधी भी है। उन्होंने मुख्यमंत्री भूपेश बघेल द्वारा इस विधेयक के विरोध में विधानसभा में प्रस्ताव लाने के निर्णय का स्वागत किया है।
जनपद अध्यक्ष चंद्राकर ने कहा कि नए कानूनों के जरिए सरकार ने किसानों को कारपोरेट घरानों के हवाले करने की तरफ कदम बढ़ाया है। इस विधेयक के लागू होने पर कार्पोरेट घराने किसानों से एग्रीमेंट करेंगे। किसानों की फसल या उपज खरीदकर पुंजीपति जमाखोरी करेंगे। भरपूर भंडारण करने के बाद कालाबाजारी भी करेंगे और मुनाफा भी कमाएंगे। इस विधेयक से सहकारी समिति संस्था और मंडी व्यवस्था धीरे-धीरे समाप्त हो जाएगी। जबकि सहकारी समितियां और कृषि उपज मंडी किसानों को सबल प्रदान करती है।
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जनपद अध्यक्ष भागीरथी चंद्राकर ने कहा कि किसान विरोधी कानून पास होने से एमएसपी, सरकारी खरीदी, मंडी व्यवस्था और पीडीएस सिस्टम पर बड़ा प्रहार होगा। अधिकांश किसान लघु सीमांत हैं इससे किसानों का शोषण बढ़ेगा। उनमें इतनी क्षमता नहीं कि राज्य के बाहर जाकर अपनी उपज बेच सकें। सिकानों को उनकी उपज का न्यूनतम समर्थन मूल्य नहीं मिलेगा।
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