Mahasamund:-रक्षाबंधन का त्योहार इस साल 11 अगस्त 2022 को मनाया जाएगा. ज्योतिष के जानकारों का कहना है कि इस साल रक्षाबंधन Rakshabandhan पर भद्रा का साया रहेगा. भद्रा में भूलकर भी भाई की कलाई पर राखी नहीं बांधनी चाहिए.
भद्रा पुंछ 11 अगस्त को शाम 5 बजकर 17 मिनट से शुरू होगा और 6 बजकर 18 मिनट तक रहेगा. इसके बाद भद्रा मुख शाम 6 बजकर 18 मिनट से शुरू होगा और रात 8 बजे तक रहेगा. भद्राकाल पूर्ण रूप से रात 8 बजकर 51 मिनट पर समाप्त होगा. इस दौरान भाई की कलाई पर राखी बांधने से बचें.
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भद्रा में क्यों नहीं बांधी जाती राखी?
रक्षाबंधन पर भद्राकाल में राखी नहीं बांधनी चाहिए. इसके पीछे एक पौराणिक कथा भी है. ऐसा कहा जाता है कि लंकापति रावण की बहन शूर्पणखा ने भद्राकाल में ही उनकी कलाई पर राखी बांधी थी और एक वर्ष के अंदर उसका विनाश हो गया था. ऐसा कहा जाता है कि भद्रा शनिदेव की बहन थी. भद्रा को ब्रह्मा जी से यह श्राप मिला था कि जो भी भद्रा में शुभ या मांगलिक कार्य करेगा, उसका परिणाम अशुभ ही होगा.
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हालांकि,भद्रा पाताल का होने की वजह से इसका प्रभाव मृत्युलोक पर नहीं होता।
फिर भी आज की जनरेशन भद्रा को मानती है इस लिहाज से भद्रा काल मे राखी
बांधने में बहनों को परहेज करना चाहिए। यदि,किसी प्रकार का संशय हो तो
अपने नजदीकी ब्राह्मणों से संपर्क कर उचित सलाह लेनी चाहिए।
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