भोपाल-मुख्यमंत्री शिवराज सिंह चौहान ने कहा है कि प्रदेश में रेत के अवैध खनन और परिवहन को पूरी तरह से रोका जायेगा। वैध उत्खनन और परिवहन करने वाले ठेकेदारों को राज्य शासन संरक्षण देगा। उन्हें पूरी मदद दी जायेगी। मुख्यमंत्री रेत ठेकेदारों और जिला खनिज अधिकारियों से वीडियो कॉन्फ्रेंसिंग के माध्यम से चर्चा कर रहे थे। बैठक में खनिज साधन मंत्री ब्रजेन्द्र प्रताप सिंह, मुख्य सचिव इकबाल सिंह बैंस, अपर मुख्य सचिव डॉ. राजेश राजौरा, मुख्यमंत्री के प्रमुख सचिव मनीष रस्तोगी और खनिज विभाग के अधिकारी तथा अन्य संबंधित अधिकारी मौजूद थे।
वैध रेत ठेकेदार सम्मानीय
मुख्यमंत्री ने कहा कि खनिज, पुलिस, राजस्व विभागों और जिला प्रशासन की जिम्मेदारी है कि रेत का वैध उत्खनन और परिवहन करने वाले ठेकेदारों को कोई परेशानी नहीं हो। उन्हें अवैध रेत खनन और परिवहन करने वाले और वैध रेत उत्खनन में बाधा डालने वाले व्यक्तियों से संरक्षण प्रदान किया जाए। अवैध कार्य करने वालों के विरूद्ध सख्त कार्रवाई की जाये। मुख्यमंत्री ने कहा कि ऐसी व्यवस्था तथा माहौल बने कि यदि रेत खनन की अनुमति है तो बिना किसी बाधा के ठेका संचालित किया जा सके। वैध रेत खनन और परिवहन कर शासन के राजस्व को बढ़ाने वाले रेत ठेकेदार सम्मानीय हैं। उनकी मदद करना शासन का दायित्व है। ये शासन को राजस्व देकर प्रदेश के विकास में सहभागी हैं।

वीडियो कॉन्फ्रेंस द्वारा चर्चा
मुख्यमंत्री चौहान ने कहा कि वैध रेत उत्खनन और परिवहन को सुनिश्चित करने के लिये भोपाल और भिण्ड जिलों में अच्छे प्रयोग हुये है। इन जिलों के मॉडल को पूरे प्रदेश में लागू किए जायें। नरसिंहपुर, भोपाल, भिण्ड, कटनी, उमरिया, शहडोल, छतरपुर जिलों के रेत ठेकेदारों से वीडियो कॉन्फ्रेंस द्वारा चर्चा की। उनकी समस्यायें सुनी और सुझाव प्राप्त किये। रेत ठेकेदारों ने कहा कि राज्य शासन के प्रयासों से अवैध रेत उत्खनन और परिवहन पर प्रभावी अंकुश लगा है। वैध रेत उत्खनन तथा परिवहन करने वाले ठेकेदारों के सम्मान में वृद्धि हुयी है।
खनिज सचिव ने बताया कि प्रदेश में 43 रेत खनन वाले जिले हैं। वर्तमान में 39 जिलों में रेत उत्खनन हो रहा है। भोपाल में एंट्री प्वाईन्टस पर जांच चौकियों की स्थापना की गयी हैं। इन चौकियों पर खनिज, राजस्व, वन, कृषि उपज मण्डी, ग्राम पंचायत सचिव, पंचायत समन्वय अधिकारी और पुलिस विभागों का अमला तीन शिफ्टों में कार्यरत है। भिण्ड जिले में रेत वाहनों की जांच के लिये आर.एफ.आई.डी. प्रणाली आधारित व्यवस्था है। 400 से अधिक वाहनों में आर.एफ.आई.डी. स्थापित की गयी है। यहां आर.एफ.आई.डी रीडर युक्त नाका संचालित है।
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