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राजस्थान में हॉस्पिटल केयर टेकर के पदों पर सीधी भर्ती का रास्ता खुलेगा

मुख्यमंत्री ने योग्यता में संशोधन का अनुमोदन किया

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जयपुर-राज्य सरकार प्रदेश के अस्पतालों में ‘हॉस्पिटल केयर टेकर’ के पदों पर शीघ्र योग्य एवं दक्ष अभ्यर्थियों की सीधी भर्ती करेगी। मुख्यमंत्री अशोक गहलोत ने इसके लिए हॉस्पिटल केयर टेकर के पद की शैक्षणिक योग्यता में संशोधन के लिए मंत्रिमण्डलीय ज्ञापन के प्रारूप का अनुमोदन कर दिया है।

चिकित्सा एवं स्वास्थ्य विभाग के प्रस्ताव के अनुसार, हॉस्पिटल केयर टेकर का पद राजस्थान चिकित्सा एवं स्वास्थ्य अधीनस्थ सेवा नियम, 1965 में सम्मिलित है। इन सेवा नियमों में संशोधन कर हॉस्पिटल केयर टेकर के पद पर सीधी भर्ती के लिए योग्यता ‘अस्पताल प्रबंधन अथवा अस्पताल प्रशासन अथवा हॉस्पिटल एण्ड हैल्थकेयर मैनेजमेन्ट में एमबीए अथवा दो वर्षीय पीजी डिप्लोमा’ करने का प्रस्ताव है।

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गौरतलब है कि वर्तमान में इस पद के लिए केवल पैरा मेडिकल अथवा नर्सिंग का प्रशिक्षण प्राप्त ऎसे कार्मिक योग्य हैं, जिन्होंने वर्ष 1987 से पहले एक वर्ष का कोर्स किया हो। उक्त योग्यताधारी अभ्यर्थी नहीं मिलने की स्थिति में हॉस्पिटल केयर टेकर के अधिकतर पद रिक्त चल रहे हैं। सीधी भर्ती के लिए योग्यता में संशोधन के बाद हॉस्पिटल केयर टेकर के पदों पर योग्य एवं दक्ष अभ्यर्थियों की शीघ्र भर्ती का मार्ग प्रशस्त होगा।

जल संसाधन विभाग के कार्मिकों को मिल सकेगा अगला पदनाम

जयपुर-मुख्यमंत्री अशोक गहलोत की पहल पर जल संसाधन विभाग में कार्यरत 1500 कार्य प्रभारित कार्मचारियों की लम्बे समय से चली आ रही पदनाम परिवर्तन की मांग को पूरा करते हुए राज्य सरकार ने उनके सेवा नियमों में संशोधन कर दिया है। इस संशोधन से ऎसे कार्य प्रभारित कार्मिक, जिन्होंने चयनित वेतनमान अथवा एसीपी का लाभ ले लिया है, लेकिन अब तक नियुक्ति के प्रथम पद पर ही कार्यरत हैं उन्हें अगला पदनाम मिल सकेगा।

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उल्लेखनीय है कि वर्ष 1994 में राज्य सरकार ने कार्य प्रभारित कर्मचारियाें की नई भर्ती पर रोक लगाते हुए वर्ष 1995 में इस संवर्ग को डाइंग कैडर घोषित कर दिया था। इसके चलते जो कर्मचारी प्रथम नियुक्ति के समय जिस पद पर कार्यरत थे, वे अभी तक उसी पद पर कार्य कर रहे हैं।

पदोन्नति नहीं होने से इन कार्मिकों में हीन भावना व्याप्त हो रही थी

और उनके द्वारा निरंतर पदनाम परिवर्तन की मांग की जा रही थी।

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मुख्यमंत्री ने इस पर संवेदनशीलता से विचार करते हुए

अब तक पदोन्नति से वंचित रहे इन कार्य प्रभारित

कार्मिकों को अगला पदनाम देने का निर्णय किया है।

मुख्यमंत्री गहलोत के निर्देश पर राजस्थान अभियांत्रिकी

अधीनस्थ सेवा (सिंचाई शाखा) नियमों में आवश्यक

संशोधन कर दिया गया है और इसकी अधिसूचना के

प्रारूप का अनुमोदन भी मंत्रीमण्डल द्वारा कर दिया गया है।

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