Home छत्तीसगढ़ भागवत कथा सुनने से धुल जाते हैं जन्म-जन्मांतर के पाप-वर्षा नागर

भागवत कथा सुनने से धुल जाते हैं जन्म-जन्मांतर के पाप-वर्षा नागर

उज्जैन की अंतर्राष्ट्रीय संत देवी वर्षा नागर ने भागवत कथा का बताया महत्व

भागवत कथा सुनने से धुल जाते हैं जन्म-जन्मांतर के पाप-वर्षा नागर

महासमुंद- उज्जैन की अंतर्राष्ट्रीय संत देवी वर्षा नागर ने भागवत कथा का महत्व बताते हुए कहा कि कलयुग में सच्चे मन से भागवत कथा सुनने मात्र से मनुष्य के जन्म जन्मांतर के पाप धुल जाते हैं। साथ ही सभी प्रकार के दुखों से मुक्ति तो मिलती है वहीं जीवन का भी उद्धार होता है।

सभी का निचोड़ भागवत कथा में

ग्राम केशवा में आयोजित श्रीमद्भागवत महापुराण भक्ति सत्संग एवं ज्ञान यज्ञ सप्ताह के दूसरे दिन आज सोमवार को हे गोपाल, राधे कृष्ण, गोविंद गोविंद..वंदना के साथ भागवत कथा की शुरुआत हुई। कथावाचक संत देवी वर्षा नागर ने कहा कि भागवत कथा अदभुत है। कथा सुनने ने केवल मनुष्यों के पाप धुल जाते हैं बल्कि पापियों के साथ ही भूत प्रेतों को भी तारती है। भागवत कथा तन-मन को पवित्र करती है। वर्तमान समय में भागवत एवं सत्संग का हमारे जीवन में काफी महत्व है। जितने वेद-वेदांत, पुराण हैं सभी का निचोड़ भागवत कथा में है।

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संत देवी वर्षा नागर ने धुंधकारी व गो करण की कथा का प्रसंग सुनाते हुए कहा मनुष्य को अगर जीवन सुखमय बिताना हो तो उसे हमेशा अपने माता-पिता या किसी ब्राह्मण, संत, गुरू के शरण में रहना चाहिए। जब धुंधकारी ने अपने माता-पिता व गुरू की आज्ञा न मानी तो उसका पतन हो गया। इसी प्रकार धुंधली द्वारा संतों का दिया हुआ फल नहीं खाने का परिणाम भी उसे भोगना पड़ा। बुरे कर्माें ने धूंधकारी को भूत बना दिया। महज सात दिन के भागवत कथा से धुंधकारी देव रूप में आया और उसका उद्धार हो गया। भागवत का यही महत्व है।

संस्कारवान बनाएं नई पीढ़ी को

उन्होंने कहा कि नई पीढ़ी को धार्मिक ग्रंथों के अध्ययन के लिए प्रेरित कर उन्हें संस्कारवान बनाएं। आज के दौर में टीवी, सोश्यल मीडिया और कई एप काफी हावी हैं, ऐसे में नई पीढ़ी को संस्कारित बनाने के लिए हमें खास तौर से प्रयास करने होंगे, तभी हम संस्कारों को सुरक्षित रख पाएंगे। कलयुग में कम समय में भागवत पुराण ही मनुष्य को तार सकने में सक्षम है। सर्वसामान्य के लिए भवसागर पार करने के लिए सरल मार्ग भागवत जी से मिलता है।

इस दौरान कथावाचक संत देवी वर्षा नागर ने महाभारत व रामायण के कई प्रसंगों का वर्णन भी किया। कथा सुनने के लिए बड़ी संख्या में महिला-पुरुष श्रद्धालु शामिल हो रहे हैं। आयोजक दिलीप चंद्राकर ने बताया कि श्रीमद्भागवत महापुराण भक्ति सत्संग एवं ज्ञान यज्ञ सप्ताह 24 जनवरी तक चलेगा।

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