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गांधी जी की बलौदाबाजार यात्रा स्मृति को सजीव बनाएं रखने के लिए स्थल होगे संरक्षित

गांधी स्मृति स्थलों को संजोकर किया जाएगा संरक्षित,जल्द ही उद्यान बनाने की तैयारी Gandhi memorial sites will be preserved and prepared to build a garden soon

बलौदाबाजार-कलेक्टर डोमन सिंह ने बलौदाबाजार नगर में स्थित राष्ट्रपिता महात्मा गांधी जी के यात्रा स्मृति स्थलों का निरीक्षण कर जायजा लिया। इस दौरान उन्होंने आज पुरानी मंडी परिसर में स्थित कुएं का अवलोकन किया जहां से अछूतोद्धार आंदोलन के समय अनुसूचित जाति के युवा से कुएं से पानी निकालकर पानी पिया था। मंडी परिसर को देखने के दौरान उन्होंने राष्ट्रपिता महात्मा गांधी की स्मृति को सजीव बनाएं रखने के लिए इस पूरे स्थल को धरोहर के रूप में विकसित करनें का निर्णय लिया है।

इसके लिए उन्होंने विभिन्न विभागों के अधिकारियों को आवश्यक दिशा निर्देश देते हुए सप्ताह भर में विस्तृत कार्य योजना बना कर प्रस्तुत करने कहा गया है। इन कार्यो में उद्यान एवं पुरातत्व हेतु संग्रहालय बनाना शामिल है। साथ ही उद्यान के बीचों बीच एक महात्मा गांधी जी की मूर्ति स्थापित की जाएगी। इसके अतिरिक्त धरोहर कुएं की सफाई,जालीदार लोहे के ग्रिल से ढकवाने एवं सूचना बोर्ड लगाने के निर्देश दिए गए है।

88 वर्ष पूर्व 26 नवंबर 1933 को स्वतंत्रता आंदोलन के दौरान बापू पहुँचे थे बलौदाबाजार

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गौरतलब है कि राष्ट्रपिता महात्मा गांधी जी अपने द्वितीय छत्तीसगढ़ यात्रा के दौरान 26 नवंबर 1933 को बलौदाबाजार पहुँचे थे। उन्होंने पुरानी मंडी प्रांगण में विशाल जनसभा को सम्बोधित किया। तत्पश्चात परिसर में ही स्थित कुएं से अनुसूचित जाति के युवक के हाथों पानी निकलवा कर पानी पिया था। मंडी प्रांगण कार्यक्रम के पश्चात उन्होंने पुरानी बस्ती स्थित प्राचीन मावली माता मंदिर के दर्शन किए।

इसके बाद तत्कालीन जगन्नाथ मंदिर वर्तमान में गोपाल मंदिर पहुँचे। जहां उन्होंने अपने साथ आए हुए अनुसूचित जाति के व्यक्तियों के साथ मंदिर प्रवेश कर पूजा अर्चना कर छुआ छूत के भेदभाव को दूर करने का संदेश दिए। इस दौरान उनके साथ स्वतंत्रता संग्राम सेनानी रघुनाथ प्रसाद केसरवानी,पंडित लक्ष्मी प्रसाद तिवारी,पं.महावीर प्रसाद, बलदेव प्रसाद पांडेय,राजेन्द्र कुमार वर्मा, देवीदास तिवारी,वीरेंद्र नाथ बेनर्जी आदि उपस्थित थे।

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