महासमुन्द:- केन्द्रीय कर्मचारियों के समान महंगाई भत्ता की लंबित मांग पूरी होने की उम्मीद लगाए छग के तीन लाख कर्मचारियों एवं पेंशनरों को मात्र पांच प्रतिशत महंगाई भत्ता देने के निर्णय से गहरा आघात लगा है.कल मुख्यमंत्री छग शासन की घोषणा के बाद आक्रोशित कर्मचारी संगठनों ने इस पर कड़ी आपत्ति दर्ज करायी है.
विदित हो विभिन्न कर्मचारी संगठनों ने सरकार से केन्द्रीय कर्मचारियों के समान महंगाई भत्ता 34% तथा सातवें वेतनमान के आधार पर गृह भाड़ा भत्ता प्रदान करने की मांग की है वर्तमान घोषणा के साथ अभी भी छग के कर्मचारी महंगाई भत्ता के मामले में केंद्रीय कर्मचारियों से 12% पीछे चल रहें हैं.
इस संबंध में छग विद्यालयीन शिक्षक कर्मचारी संघ महासमुन्द के जिलाध्यक्ष गणेश राम चंद्राकर ने अपनी प्रतिक्रिया व्यक्त करते हुए कहा कि कर्मचारियों को उनके नीतिगत संवैधानिक अधिकारों से वंचित करना छत्तीसगढ़ सरकार का कर्मचारियों के प्रति अन्याय और पूर्वाग्रह को दर्शाता है. कर्मचारियों को 34% से कम महंगाई भत्ता स्वीकार्य नहीं.
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समय समय पर कर्मचारियों की विभिन्न समस्याओं और मांगों को बार बार विनम्रतापूर्वक अवगत कराने के बाद सभी ने केबिनेट बैठक से बड़ी उम्मीदें लगा रखी थी जिन्हें बड़ा तगड़ा झटका लगा है। विधानसभा में छग को समृद्ध और आर्थिक सम्पन्न राज्य बताने वाली राज्य सरकार को इस बढ़ती महंगाई में कर्मचारियों तथा पेंशनभोगी परिवारों की कोई चिंता नहीं.
यदि सरकार की नीति कर्मचारियों के प्रति अन्यायपूर्ण रही तो हम इसका विरोध करते रहेंगे
तथा आगामी समय में बड़ी रणनीति के साथ आन्दोलन करेंगे।
संगठन की ओर से जिला कार्यकारी अध्यक्ष छबि राम साहू,भारत तंबोली,
शिवनारायण तिवारी, अरविंद दिव्वेदी आदि समस्त शिक्षक कर्मचारियों ने
शीघ्र मांग पूरी नहीं करने पर उग्र आंदोलन की चेतावनी दी है.
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