महासमुंद. काव्यांश, साहित्य एवं कला पथक संस्थान भवन के लोकापर्ण समारोह को संबोधित करते हुए सांसद चुन्नीलाल साहू ने कहा लोकतंत्र के मंदिर में छत्तीसगढ़ी भाषा में शपथ लेने की ख्वाहिश थी लेकिन 8वीं अनुसूची में इसकी इजाजत नहीं थी. कोशिश है कि छत्तीसगढ़ी भाषा को आर्टिकल में शामिल किया जाए. इसलिए छत्तीसगढ़ी संस्कृति, साहित्य एवं कला को संरक्षण की जरूरत है, और इसे बचाने की दिशा पर काम करना होगा.
5 लाख की लागत से पुराना न्यायालय से लगे पटवारी कार्यालय के पीछे नवनिर्माण काव्यांश साहित्य एवं कला पथक संस्थान भवन का सोमवार को सांसद चुन्नीलाल साहू सहित अतिथियों ने लोकार्पण किया. इस दौरान एक सभा को संबोधित करते हुए सांसद साहू ने कहा काव्यांश भवन के निर्माण से छत्तीसगढ़ी भाषा, साहित्य एवं कला को बचाने की शुरुआत इसी भवन से शुरू होगी. संगीत कला महाविद्यालय के रूप में जैसे खैरागढ़ को जाना जाता है. वैसे ही महासमुंद को साहित्य कला संरक्षण के लिए जाने जाएंगे.
समारोह को संबोधित करते हुए नगर पालिका अध्यक्ष प्रकाश चंद्राकर ने कहा अनेकता में एकता के लिए महासमुंद हमेशा जाना जाता है. ये नगर कविता, साहित्य और कला के क्षेत्र में एक ख्याति प्राप्त जिला है. इसी मातृभूमि से लतीफ घोंघी जैसे कवि और व्यंग लेखक राष्ट्रीय स्तर पर पहचान रही है. सोशल मीडिया के युग में कविता, साहित्य और कला विलुप्त होती जा रही है लेकिन महासमुंद काव्यांश साहित्य कला पथक संस्थान द्वारा इसे बचाने की दिशा पर काम कर रहे हैं. इस काम में चुनौती बहुत सी है लेकिन इसे महासमुंद कला प्रेमियों ने सहजता से स्वीकार किया है जो काबिलेतारीफ है.
आज बहुत ही जरूरी हो गया है कि सैंकड़ों साल पूराने परंपरा को जिंदा रखना, और आनेवाली पीढ़ी के हाथों साहित्य, कला को सौंपना, और इस परंपरा को जीवित रखना बहुत ही कठिन परिश्रम करना होगा. इसके पूर्व अतिथियों ने फीता काटकर भवन का लोकार्पण किया तथा मॉ सरस्वती की पूजा अर्चना कर कार्यक्रम का शुभारंभ किया. इस मौके पर अतिथियों ने संडे की पाठशाला नामक पुस्तक का विमोचन किया. काव्यांश संस्थान की ओर से सांसद एवं पालिका अध्यक्ष को स्मृति चिन्ह भेंट की गई.
इसके पूर्व नपाध्यक्ष द्वय राशि त्रिभुवन महिलांग, पवन पटेल, संरक्षक डॉ. अनसुईया अग्रवाल, एस चंद्रासेन ने भी कार्यक्रम को संबोधित किया. इस अवसर पर संरक्षक उमेश भारती गोस्वामी, भागवत जगत, जयराम पटेल, डी. बसंत साव, महेश राजा, अशोक शर्मा, प्रलय थिटे, घनश्याम सोनी, पुष्पा गजपाल, साक्षी साहू, मधु शर्मा, जितेश्वरी साहू, द्रोपदी साहू, अन्नपूर्णा देवांगन, निर्मला जगत सहित साहित्य कला से जुड़े कला प्रेमीगण उपस्थित थे.कार्यक्रम का संचालन टेकराम सेन व् आभार प्रदर्शन सुरेन्द्र मानिकपुरी ने की.
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