Home छत्तीसगढ़ बीटीआई मार्ग अब पुरुषोत्तम कौशिक मार्ग के नाम से जाना जाएगा

बीटीआई मार्ग अब पुरुषोत्तम कौशिक मार्ग के नाम से जाना जाएगा

संसदीय सचिव ने नागरिकों की मौजूदगी में किया नामकरण कार्यक्रम का शुभांरभ

बीटीआई मार्ग अब पुरुषोत्तम कौशिक मार्ग के नाम से जाना जाएगा

महासमुंद:-बीटीआई मार्ग अब पुरुषोत्तम कौशिक मार्ग के नाम से जाना जाएगा। संसदीय सचिव विनोद सेवनलाल चंद्राकर ने नागरिकों की मौजूदगी में नामकरण कार्यक्रम का शुभांरभ किया।

आज गुरूवार को आयोजित कार्यक्रम के मुख्य अतिथि संसदीय सचिव विनोद सेवनलाल चंद्राकर थे। अध्यक्षता नगरपालिका अध्यक्ष राशि त्रिभुवन महिलांग ने की। मुख्य अतिथि संसदीय सचिव ने पूर्व केंद्रीय मंत्री स्व. कौशिक के छायाचित्र पर माल्यार्पण कर मार्ग पट्टिका का अनावरण कर शुभांरभ किया।

किसानों व मजदूरों के रहे हितैषी 

अपने संबोधन में संसदीय सचिव ने कहा कि पूर्व केंद्रीय मंत्री स्व. कौशिक समाजवादी नेता के साथ ही किसानों और मजदूरों के हितैषी रहे हैं। स्व. कौशिक ने गांव, गरीब व किसानों की बेहतरी के लिए आजीवन काम किया। उन्होंने स्व. कौशिक के सानिध्य में बिताए पलों को याद करते हुए कहा कि वे बहुत ही सरल स्वभाव के थे, राजनीति की समझ उनमें गजब की थी। वे बचपन से स्व. कौशिक से प्रभावित रहे हैं।

बीटीआई मार्ग अब पुरुषोत्तम कौशिक मार्ग के नाम से जाना जाएगा

वरिष्ठ समाजवादी नेता दाउलाल चंद्राकर ने अतिथियों व नागरिकों का आभार जताते हुए कहा कि स्व. पुरुषोत्तम कौशिक किसानों, मजदूरों व वनवासियों के लिए हमेशा संघर्ष करते रहे। स्वतंत्रता संग्राम सेनानी परिवार से ताल्लुक रखने वाले स्व. कौशिक ने अपने अंतिम दिनों में भी किसानों व मजदूरों का दुख दर्द जानने से पीछे नहीं रहे। बड़े पद पर पहुंचने के बाद भी उन्हें महासमुंद से लगाव रहा और वे अंतिम समय तक यही रहकर लोगों की सेवा की। ऐसे शख्सियत के नाम से मार्ग का नामकरण उनके प्रति सच्ची श्रद्धांजलि है।

कार्यक्रम में ये रहे मौजूद

कार्यक्रम में प्रमुख रूप से जनपद अध्यक्ष यतेंद्र साहू, मंडी अध्यक्ष हीरा बंजारे, पूर्व विधायक डा विमल चोपड़ा, दाउलाल चंद्राकर, विश्वनाथ कौशिक, दिलीप कौशिक, दुष्यंत कौशिक, सेवनलाल चंद्राकर, चंद्रहास चंद्राकर, प्रलय थिटे, वीरेंद्र चंद्राकर, ललित कौशिक, गिरजाशंकर चंद्राकर, नुकेश चंद्राकर, अशोक शर्मा, पार्षद मनीष शर्मा, अनवर हुसैन, तुलसीराम चंद्राकर, वल्लरी चंद्राकर, द्रोपति चंद्राकर, तारिणी चंद्राकर, मंगलू ढीमर, हुकूम चंद्राकर, रामानंद चंद्राकर, ऋषि चंद्राकर, आरीन चंद्राकर, गौरव चंद्राकर, नीरज चंद्राकर, निखिल चंद्राकर, प्रदीप चंद्राकर, सुरेखा चंद्राकर, शाहबाज राजवानी, शंकर चंद्राकर, नुरेन चंद्राकर, निरंजना चंद्राकर, धमेंद्र चंद्राकर, कमलेश चंद्राकर, यशवंत चंद्राकर आदि मौजूद रहे। कार्यक्रम का संचालन ईश्वर चंद्राकर ने तथा आभार प्रदर्शन दाउलाल चंद्राकर ने किया।

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