तीन दिवसीय ‘ऑर्गेनिक फूड फेस्टिवल’ की हुई शुरुआत,180 महिला उद्यमियों ने लिया हिस्सा

 दिल्ली-तीन दिवसीय ‘ऑर्गेनिक फूड फेस्टिवल’ की शुरुआत हो गई। 21 से 23 फरवरी तक चलनेवाले इस मेले को राष्ट्रीय खाद्य प्रसंस्करण प्रौद्योगिकी उद्यमिता एवं प्रबंधन संस्थान औऱ भारतीय उद्योग परिसंघ मिलकर आयोजित कर रहा है। जैविक खेती करने वाले सबसे ज्यादा किसान भारत में हैं जबकि क्षेत्रफल के हिसाब से जैविक खेती के मामले में भारत 9वें स्थान पर हैं।राजधानी दिल्ली में कल से तीन दिवसीय ‘ऑर्गेनिक फूड फेस्टिवल’ की शुरुआत हो गई। फेस्टिवल में 25 राज्यों के करीब 180 महिला उद्यमियों ने हिस्सा लिया है। फेस्टिवल का उद्घाटन केन्द्रीय खाद्य प्रसंस्करण मंत्री हरसिमरत कौर बादल और केन्द्रीय महिला एवं बाल विकास मंत्री स्मृति ईरानी ने किया। मेले में 180 से अधिक महिला उद्यमी और स्वयं सहायता समूह शामिल हैं, जिसमें काफी संख्या में उत्तर-पूर्व के राज्यों से आई महिलाएं हैं।

जैविक खेती करने वाले सबसे ज्यादा किसान भारत में हैं जबकि क्षेत्रफल के हिसाब से जैविक खेती के मामले में भारत 9वें स्थान पर हैं। इसलिए जैविक खेती को बढा़वा देने के साथ साथ किसानों की आय को दोगुनी बनाने का भी लक्ष्य सामने है। दिल्ली के जवाहरलाल नेहरू स्टेडियम में ऑरगेनिक फूट फेस्टविल का उद्घाटन केन्द्रीय खाद्य प्रसंस्करण मंत्री हरसिमरत कौर बादल और महिला एवं बाल विकास मंत्री स्मृति ईरानी ने मिलकर किया।21 से 23 फरवरी तक चलनेवाले इस मेले को राष्ट्रीय खाद्य प्रसंस्करण प्रौद्योगिकी उद्यमिता एवं प्रबंधन संस्थान औऱ भारतीय उद्योग परिसंघ मिलकर आयोजित कर रहा है। मेले में जैविक खेती के साथ साथ महिला उद्यमिता को बढ़ावा देने, उन्हे बाजार उपलब्ध कराने और तकनीक से जोड़ने पर भी जोर दिया गया है।

मेले में 180 से अधिक महिला उद्यमी और स्वयं सहायता समूह शामिल हैं। जिसमें काफी संख्या में उत्तर-पूर्व के राज्यों से आई महिलाएं हैं। केन्द्रीय मंत्री ने कहा कि जैविक खेती करने वाले सबसे ज्यादा किसान भारत में हैं जबकि क्षेत्रफल के हिसाब से जैविक खेती के मामले में हम 9वें स्थान पर हैं। इसलिए जैविक खेती को बढा़वा देने के साथ साथ किसानों की आय को दोगुनी बनाने का भी लक्ष्य सामने है।देश में जैविक उत्पादों का उत्पादन मांग की तुलना में बहुत कम है। हलांकि भारत में ऑरगेनिक सेक्टर का विकास 17 फीसद की दर से सालाना हो रहा है उस लिहाज से इस क्षेत्र में काफी अवसर उपलब्ध है। केन्द्रीय मंत्री ने जोर देकर कहा कि भारत में जैविक खेती से जुड़ी महिलाओं को मु्द्रा योजना से लोन उपलब्ध कराने के साथ साथ जैविक उत्पादों के कारोबार को 2025 तक 75,000 करोड़ रुपये पर पहुंचाना है