किसान क्रेडिट कार्ड योजना-किसानों को तीन लाख रूपए तक के ऋण के लिए प्रोसेसिंग शुल्क माफ

किसान क्रेडिट कार्ड के जरिए किसानों को बैंकों द्वारा तीन लाख रूपए तक के ऋण के लिए किसी भी प्रकार का प्रोेसेंसिंग शुल्क नहीं देना पड़ेगा। यह सुविधा प्रधानमंत्री किसान सम्मान निधि के पंजीकृत किसानों को दी जा रही है। भारत सरकार द्वारा रियायती संस्थागत ऋणों तक सभी किसानों की पहुंच सुनिश्चित करने के लिए पीएम किसान के सभी लाभार्थियों के लिए मिशन मोड में किसान क्रेडिट कार्ड (केसीसी) परिपूर्णता अभियान प्रारंभ किया गया है, जिससे योजना के सभी लाभार्थी किसानों को समय पर पुनर्भुगतान करने पर न्यूनतम ब्याज दर पर फसलों एवं पशु/मत्स्य पालन के लिए अल्पकालिक ऋण प्राप्त करने में मदद मिलेगी। 10 फरवरी 2020 से प्रारंभ यह अभियान अगले 15 दिनांे तक चलेगा, जिसके तहत पीएम-किसान के लाभार्थियों को केसीसी का लाभ उठाने के लिए जागरुक किया जा रहा है।

कृषि उत्पादन आयुक्त द्वारा अभियान के चरणबद्ध क्रियान्वयन के संबंध में विस्तृत दिशा-निर्देश सभी संभागायुक्त, जिला कलेक्टर एवं उप संचालक कृषि को जारी किए जा चुके हैं, जिनमें केसीसी के तहत पीएम-किसान के अधिक से अधिक लाभार्थियांे को लाभान्वित करने के लिए अपनाई जाने वाली प्रक्रिया का पालन कर कार्यवाही करने हेतु निर्देश गया है। जिला कलेक्टर को प्रत्येक बैंक शाखा के लिए नवीन के.सी.सी. जारी करने का लक्ष्य निर्धारित करते हुए के.सी.सी. अभियान की सतत् समीक्षा करने का निर्देश दिया गया है।

प्रधानमंत्री किसान सम्मान निधि में पंजीकृत हितग्राही संबंधित बैकों से सीधा संपर्क कर आसानी से केसीसी हेतु आवेदन कर सकता हैं। किसान क्रेडिट कार्ड होने के बावजूद जो किसान ऋण नवीनीकृत नहीं कर पाते, ऐसे किसान भी बैकों से संपर्क कर नई ऋण स्वीकृत करा सकते हैं। कृषि ऋण प्रक्रिया को आसान बनाने के लिये बैंकों द्वारा एक पेज का फार्म तैयार किया गया है। किसान पूर्ण रूप से भरे हुए आवेदन बैंक में जमाकर 14 दिवस के भीतर प्राप्त कर सकते हैं। पीएम किसान अन्तर्गत लाभान्वित किसान जिनका केसीसी उस बैक में नहीं है, बैकों द्वारा ऐसे कृषकों की सूची अन्य बैंकों, सरपंच और बैंक सहायकों के साथ साझा किया जावेगा तथा किसानो को केसीसी बनाने हेतु प्रोत्साहित किया जावेगा। यही नहीं, कृषि, पशुपालन, मछलीपालन, राजस्व, पंचायत एवं ग्रामीण विकास विभाग सहित अन्य विभागों और पंचायत सचिवों के जरिए इन सभी लाभार्थियों से डोर-टू-डोर संपर्क साधने को भी कहा गया है।

इस अभियान के तहत बैकों द्वारा ऋण राशि रूपए 3 लाख तक के लिये लगने वाले प्रोसेसिंग शुल्क को माफ किया जावेगा। जिन किसानों का ऋण सीमा 1.6 लाख तक है, उन कृषकों को बिना किसी गारंटर के तत्काल ऋण की स्वीकृति दी जावेगी। कृषि ऋण हेतु खसरा एवं खतौनी दस्तावेज की आवश्यकता होती है, पटवारियों को संबंधित दस्तावेज तुरंत उपलब्ध कराने के तथा लीड बैंक द्वारा जनजागरूकता अभियान चलाने हेतु सभी जिला कलेक्टर को निर्देश दिया गया है।
प्रधानमंत्री किसान सम्मान निधि के तहत पंजीकृत किसान जन सुविधा केन्द्रों में भी पहुंच कर आवेदन कर सकते हैं। इस कार्यक्रम से उद्यानिकी फसल के किसान तथा पशुपालन एवं मछलीपालन से जुड़े किसान भी आसानी से केसीसी बना सकते है और केसीसी के माध्यम से ऋण प्राप्त कर सकते हैं।

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