उच्चतम न्यायालय के न्यायाधीश न्यायमूर्ति एस रविन्द्र भट्ट ने 1984 की भोपाल गैस त्रासदी के पीडि़तों के लिए मुआवजा संबंधी केन्द्र की याचिका की सुनवाई से खुद को अलग कर लिया है।केन्द्र सरकार ने पीडि़तों के लिए अमरीका के यूनियन कार्बाइड कार्पोरेशन की उत्तराधिकारी फर्म से सात हजार आठ सौ 44 करोड़ रूपये के अतिरिक्त कोष की मांग करते हुए याचिका दायर की है।
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न्यायाधीश न्यायमूर्ति अरूण मिश्रा की अध्यक्षता में पांच न्यायाधीशों की खंडपीठ ने सुनवाई कल तक के लिए स्थगित कर दी और कहा कि मुख्य न्यायाधीश न्यायमूर्ति एस ए बोबड़े इस मामले की सुनवाई के लिए पीठ के गठन के बारे में फैसला करेंगे।1984 में दो और तीन दिसम्बर की रात को यूनियन कार्बाइड फैक्ट्री से जहरीली गैस के रिसाव से तीन हजार से ज्यादा लोग मारे गए थे और एक लाख से ज्यादा लोग प्रभावित हुए थे।पीडि़तों के लिए यूनियन कार्बाइड कार्पोरेशन ने 40 करोड़ 70 लाख डालर का मुआवजा दिया था। डाऊ कैमिकल्स फर्म के पास अब यूनियन कार्बाइड कार्पोरेशन का स्वामित्व है।
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