नेशनल डेमोक्रेटिक फ्रंट ऑफ बोडोलैण्ड के नौ गुटों और असम सरकार के बीच त्रिपक्षीय समझौता

केन्द्र ने आज असम के प्रतिबंधित उग्रवादी गुट नेशनल डेमोक्रेटिक फ्रंट ऑफ बोडोलैंड-एनडीएफबी के साथ एक समझौते पर हस्ताक्षर किये हैं। केन्द्रीय गृहमंत्री अमित शाह और असम के मुख्यमंत्री सर्बानंद सोनोवाल की उपस्थिति में त्रिपक्षीय समझौते पर हस्ताक्षर किये गए।

गृहमंत्रालय में संयुक्त सचिव सतेन्द्र गर्ग, असम के मुख्य सचिव कुमार संजय कृष्णा और एनडीएफबी के नौ गुटों के शीर्ष नेतृत्व ने समझौते पर हस्ताक्षर किये। इस समझौते के अन्तर्गत असम में रह रहे बोडो जनजातियों को राजनीतिक अधिकार और समुदाय के लिए आर्थिक पैकेज दिये जाने का प्रावधान है। पिछले 27 वर्षों के दौरान यह तीसरा बोडो समझौता है। पहला बोडो समझौता ऑल बोडो स्टूडेंट्स यूनियन के साथ 1993 में हुआ था।

इस समझौते के तहत बोडोलैंड स्वायत्त परिषद का गठन हुआ था जिसके पास सीमित राजनीतिक अधिकार थे। 2003 में दूसरा समझौता बोडो लिबरेशन टाइगर्स के साथ हुआ था जिसके अन्तर्गत बोडोलैंड क्षेत्रीय परिषद गठित हुई थी और इसके अन्तर्गत कोकराझाड़, चिरंग, बसका और उदलगुड़ी शामिल थे। बोडो क्षेत्रीय परिषद का गठन संविधान के छठे अनुसूचि के अन्तर्गत किया गया था। बोडो समुदाय के लिए अलग राज्य की मांग पिछले करीब पांच दशकों से की जा रही है।

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