उच्चतम न्यायालय की नौ जजों की संविधान पीठ ने केरल के शबरिमला मंदिर समेत धार्मिक स्थलों पर महिलाओं के खिलाफ भेदभाव संबंधी याचिकाओं पर सुनवाई तीन हफ्तों के लिए टाली, सभी अधिवक्ताओं से 17 जनवरी को बैठक करने को कहा।
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उच्चतम न्यायालय ने केरल के शबरिमला मंदिर में हर उम्र की महिलाओं को प्रवेश की अनुमति देने संबंधी याचिकाओं की सुनवाई तीन सप्ताह के लिए स्थगित कर दी है। प्रधान न्यायाधीश न्यायमूर्ति एस.ए. बोबडे की अध्यक्षता में नौ न्यायाधीशों की संविधान पीठ मुस्लिम और पारसी महिलाओं के साथ भेदभाव के मुद्दों सहित साठ याचिकाओं की सुनवाई कर रही थी।
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न्यायमूर्ति बोबड़े ने कहा कि न्यायालय शबरिमला के अलावा मस्जिदों और दरगाहों में मुस्लिम महिलाओं तथा पारसी महिलाओं के प्रवेश पर रोक जैसी अन्य याचिकाओं को सूचीबद्ध करने पर विचार कर रहा है। प्रधान न्यायाधीश ने स्पष्ट किया कि वे पुनर्विचार याचिकाओं पर नहीं बल्कि पांच न्यायाधीशों की पीठ की ओर से बड़ी पीठ को सौंपे गये सात प्रश्नों पर सुनवाई कर रहे हैं।
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तत्कालीन प्रधान न्यायाधीश रंजन गोगोई की अध्यक्षता में पांच न्यायाधीशों की पीठ ने इस मामले को नौ न्यायाधीशों की पीठ को सौंपा था। यह व्यवस्था मंदिर में हर उम्र की महिलाओं को प्रवेश की अनुमति देने के 28 सितंबर 2018 के फैसले के विरूद्ध पुनर्विचार याचिका की सुनवाई के बाद दी गई थी।
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