रायपुर :संचालनालय कृषि तथा इंदिरा गांधी कृषि विश्वविद्यालय की मौसम आधारित कृषि सलाह सेंवाओं द्वारा किसानों को कृषि कार्य के लिए आवश्यक सलाह दी गई हैकिसानों को सामान्य फसलों के लिए सलाह दी गई है कि लगातार बदली के मौसम को देखते हुए दलहन-तिलहन एवं सब्जी वाली फसलों में माहू (एफिड) के प्रकोप की आशंका हैं। इसके लिए सतत निगरानी रखे एवं प्रारंभिक प्रकोप दिखने पर नीम आधारित कीटनाशकों का छिडकाव करें.
सुरक्षित भण्डारण हेतु अनाज को अच्छी तरह से सुखाने के बाद ही (10-14 प्रतिशत नमी) रखें। भंडार गृह में पुराने व नए अनाज को मिलाकर ना रखें। भंडार-गृह कीट व चूहा-रोधी हो, भंडार-गृह के आसपास साफ-सफाई रहे व समय-समय पर अनाज की जाँच करते रहना आवश्यक हैं। समय पर बोई गई चने की फसल में 35-40 दिन बाद खुटाई अवश्य करें। अरहर में फल भेदक कीटो के नियंत्रण हेतु इंडोक्साकार्ब 300 ग्राम 500 लीटर पानी में घोलकर प्रति हेक्टर की दर से छिड़काव करे। सरसों एंव कुसुम में अतिरिक्त पौधों को उखाड़कर पौधों की दूरी 20 से.मी. रखे.
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सब्जियों तथा फल की फसलों में बैगन एंव टमाटर की फसल में जीवाणु जनित उकठा रोग के निदान हेतु जो पेड़ मर गए हों उन्हें उखाड़ दें तथा एक सप्ताह तक सिंचाई न करे। टपक सिचांई वाली फसलों में प्रकोप कम होता है। कद्दूवर्गीय सब्जियों की अगेती फसल के लिए थैला में पौध तैयार करें। अधिक ठण्ड की अवस्था में भिन्डी में पीतशिरा रोग की समस्या आती हैं अतः दैहिक कीटनाशी का छिडकाव करना आवश्यक हैं। पिछले माह रोपण की गई सब्जियों में गुडाई कर नत्रजन उर्वरक प्रदाय करें। आम के उद्यान में जमीन से लगी शाखाओं एवं रोग बाधित शाखाओं की कटाई-छटाई का सही समय हैं। अमरुद में तुड़ाई पश्चात बहार उपचार करें। जिसके लिए गोबर का खाद 20 कि.ग्रा. प्रति पौध, यूरिया 100 ग्राम, पोटाश 150 ग्राम, मैग्नीशियम सल्फेट 40 ग्राम व कैल्सियम 80 ग्राम प्रति पौध देवें.
किसानों को अपने पशुओं की सुरक्षा की सलाह दी गई है कि पशुओं में बाह्य कृमि के कारण दाद, खाज, खुजली हो तो सल्फर युक्त साबुन से प्रभावित भाग को धोवें एवं पोंछने के बाद हिमैक्स मलहम लगावें। पशु बाड़े एवं मुर्गियों के घर में यदि खिड़कियाँ न लगी हो तो ठंडी हवा से बचाव के लिये बोरे लटकायें। चारा फसले जैसे बरसीम, लुसर्न, आदि को सूखे चारे के साथ मिलाकर कुट्टी काटकर खिलायें। यदि गैस के कारण पशु का पेट फुल गया हों तो टिम्पोल दवा 100 ग्राम गर्म पानी में मिलाकर पिलावें तथा बकरी को 15-20 ग्राम गर्म पानी के साथ पिलावें.
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