महासमुंद। पूर्व संसदीय सचिव विनोद सेवनलाल चंद्राकर ने कहा कि हाफ बिजली बिल योजना को वर्तमान भाजपा सरकार द्वारा बंद किए जाने से पूरे प्रदेश में असंतोष का माहौल है। उन्होंने कहा कि कांग्रेस जनता से जुड़े हर मुद्दे पर आवाज उठाती रही है और आगे भी जनता के हित में संघर्ष जारी रखेगी।
श्री चंद्राकर ने कहा कि भाजपा सरकार ने सत्ता में आते ही भूपेश सरकार की कई जनकल्याणकारी योजनाओं को समाप्त कर दिया है। विशेष रूप से हाफ बिजली बिल योजना से प्रदेश के लगभग 60 लाख परिवारों को राहत मिली थी, क्योंकि 400 यूनिट तक बिजली खपत पर उपभोक्ताओं को आधा बिल देना पड़ता था। लेकिन भाजपा सरकार ने इसे केवल इस कारण बंद कर दिया कि यह योजना कांग्रेस शासन में शुरू की गई थी।
उन्होंने कहा कि कांग्रेस सरकार ने बिजली दरों को स्थिर रखा था, जबकि भाजपा सरकार के आने के बाद दरों में बार-बार वृद्धि की गई और हाफ बिजली बिल योजना समाप्त कर दी गई। इससे गरीब और मध्यमवर्गीय उपभोक्ताओं पर आर्थिक बोझ बढ़ गया है।
हाफ बिजली बिल योजना बंद करने से जनता में नाराजगी: पूर्व विधायक विनोद
चंद्राकर ने आरोप लगाया कि साय सरकार ने नई जनहितकारी योजनाएं शुरू करने के बजाय, पिछली सरकार की योजनाओं को ही बंद कर दिया है, जिससे आम जनता को राहत मिलना बंद हो गया है। उन्होंने कहा कि अगर भाजपा सरकार वास्तव में गरीब हितैषी है तो उसे भूपेश सरकार की तरह 400 यूनिट तक बिजली खपत पर हाफ बिजली बिल योजना को दोबारा शुरू करना चाहिए।
पूर्व विधायक ने यह भी कहा कि छत्तीसगढ़ के कोयले से देश के अन्य राज्यों में बिजली उत्पादन हो रहा है, लेकिन विडंबना यह है कि राज्य के लोग अपनी ही संपदा की बिजली महंगे दामों पर खरीदने को मजबूर हैं। भाजपा सरकार उद्योगपतियों को लाभ पहुंचाने में जुटी है जबकि आम नागरिकों के अधिकारों की अनदेखी की जा रही है।
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उन्होंने मांग की कि हाफ बिजली बिल योजना को पुनः लागू किया जाए और पिछले चार महीनों में उपभोक्ताओं से बढ़ी हुई दरों पर वसूली गई अतिरिक्त राशि वापस की जाए, ताकि सरकार यह साबित कर सके कि वह वास्तव में गरीब हितैषी है।
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