अनिल चौधरी महासमुंद:-क्षेत्र के किसान को अपनी उपज मंडी में बेचने का अपील जिला पंचायत सदस्य एवं संयोजक किसान भुगतान संघर्ष समिति के जुगनू चंद्राकर ने की है। इस मामले मे जुगनू चंद्राकर का कहना है कि सौदा पत्रक के बजाय ज्यादा से ज्यादा कृषि उपज मंडी में अपनी उपज बेचें जिससे किसानों को मंडी के माध्यम से सुरक्षित भुगतान प्राप्त हो सके।
लगातार दूसरे साल इस रबी सीजन में भी कृषि उपज मंडी महासमुंद में रबी फसल धान की खरीदी आज व्यापारियों द्वारा खुली बोली के माध्यम से शुरू किया गया है जहां पहले दिन करीब 600 बोरी धान अलग अलग गॉवो से किसानों ने बेचा है।
क्षेत्र के किसान अपनी उपज मंडी में ही बेचें: जुगनू चंद्राकर
ग़ौरतलब है कि पिछले कई वर्षों से कृषि उपज मंडी महासमुंद में खुली बोली के माध्यम से व्यापारियों द्वारा किसानों का धान खरीदी बंद थी जो केवल सौदा पत्रक के माध्यम से ही संचालित हो रहा था परंतु पिछले साल किसान नेता एवं जिला पंचायत सदस्य जागेश्वर जुगनू चंद्राकर द्वारा लगातार कोशिशों के कारण मंडी में धान खरीदी हुआ है जहाँ किसानों का धान न्यूनतम 1931 रुपये से अधिकतम 1952 रुपये प्रति क्विंटल की दर से बिक्री हुआ।
महासमुन्द जिला समर्थन मूल्य पर सर्वाधिक धान खरीदी करने का बनाया रिकॉर्ड
जागेश्वर जुगनू चंद्राकर ने किसानों से अपील किया है कि सौदा पत्रक के बजाय ज्यादा से ज्यादा कृषि उपज मंडी प्रांगण में ही अपनी उपज बेचें जिससे किसानों को मंडी के माध्यम से सुरक्षित भुगतान प्राप्त हो सके। सबको जानकारी है कि साल 2017- 18 में किसानों ने महासमुंद के एक राइस मिलर को सौदा पत्रक के माध्यम से सीधे तौर पर अपना धान बेचा था लेकिन किसानों को उनके उपज का भुगतान प्राप्त नहीं हुआ था जिसके लिए लंबी लड़ाई लड़नी पड़ी तब कहीं जाकर राइस मिलर की अचल संपत्ति नीलम पश्चात किसानों को भुगतान होनी है।
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