महासमुंद:- राष्ट्रीय अंधत्व एवं अल्पदृष्टि नियंत्रण कार्यक्रम के तहत 12 से 18 मार्च तक “विश्व ग्लाकोमा सप्ताह“ मनाया जाएगा। प्रतिवर्ष माह मार्च के द्वितीय सप्ताह में ग्लाकोमा सप्ताह मनाया जाता है। जिसके तहत् ग्लाकोमा (काला मोतियाबिंद) के मरीजों की पहचान कर उनका उपचार किया जाता है। और आंखों में अने वाले स्थायी दृष्टिहीनता को दूर किया जा सकता है।
कलेक्टर नीलेश क्षीरसागर, एवं मुख्य चिकित्सा एवं स्वास्थ्य अधिकारी डॉ.एस.आर.बंजारे के निर्देशानुसार एवं डॉ. मंजूषा चन्द्रसेन, नेत्ररोग विशेषज्ञ एवं जिला नोडल अधिकारी (अंधत्व नियंत्रण) के मार्गदर्शन से रोहित कुमार वर्मा, जिला कार्यक्रम प्रबंधक, राष्ट्रीय स्वास्थ्य मिशन के सहयोग से जनसामान्य को जागरूक करने हेतु स्वास्थ्य केन्द्रो में विगत वर्षों की भांति इस वर्ष भी ग्लाकोमा (काला मोतियाबिंद) के मरीजों की पहचान एवं उपचार की जानाकरी दी जाएगी।
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समस्त स्वास्थ्य केन्द्रों में ग्लाकोमा स्क्रीनींग कैम्प का आयोजन कर नेत्र परीक्षण किया जाएगा तथा 40 वर्ष से अधिक उम्र के व्यक्तियों का स्क्रीनींग किया जाएगा। तथा निःशुल्क चश्मा वितरण किया जाएगा। ग्लाकोमा के संभावित मरीजों को जिला चिकित्सालय/मेडिकल कॉलेज/एन.जी.ओ. को उपचाार हेतु रेफर किया जाएगा। वर्तमान स्थिति में डिजिटल माध्यम, सोसल मिडिया के माध्यम से लोगो में प्रचार-प्रसार किया जाएगा।
मोतियाबिंद की तरह ही ग्लाकोमा आँखों की बीमारी है, जिससे आँखों की रोशनी धीरे-धीरे चली जाती है और लोग अंधे हो जाते है। समय पर ग्लाकोमा के रोगी का पहचान एवं उपचर नहीं होने पर व्यक्ति स्थाई रूप से अंधे हो जाते है, इसका समय पर पहचान एवं उपचार जरूरी है। इसके लिए 40 वर्ष से अधिक उम्र के सभी व्यक्ति अपने आस-पास के स्वास्थ्य केन्द्र में जाकर प्रतिवर्ष आँखो की जाँच अनिवार्य रूप से करावें। यह सुविधा जिले के सभी शासकीय स्वास्थ्य केन्द्रों में उपलब्ध है।