जयपुर:-बाड़मेर के पचपदरा में निर्माणाधीन राजस्थान रिफाईनरी प्रोजेक्ट प्रदेश की सबसे बड़ी विकास परियोजना है। रिफाईनरी का कार्य सर्वोच्च प्राथमिकता से कराया जा रहा है तथा मुख्यमंत्री अशोक गहलोत स्वयं इसकी मॉनिटरिंग कर रहे है। रिफाईनरी प्रोजेक्ट बाड़मेर के साथ-साथ राजस्थान का भी एक स्वर्णिम सपना है। इसके निर्माण कार्य पूर्ण होने तथा उत्पादन प्रारम्भ होने पर प्रदेश के विकास में यह मील का पत्थर साबित होगा।
बड़े प्रोजेक्ट है निर्माणाधीन
इस निर्माणाधीन रिफाईनरी की रिफाइनिंग क्षमता 9 मिलियन टन वार्षिक है। इसका निर्माण कार्य एचपीसीएल राजस्थान रिफाईनरी लिमिटेड द्वारा किया जा रहा है। इस परियोजना की रिवाईज लागत 72,937 करोड़ रूपये है, जिसमें से 63,318 करोड़ के कार्यों का अनुबंध हो गया है तथा अब तक 22,040 करोड़ का व्यय किया जा चुका है। राजस्थान रिफाईनरी का निर्माण 4 हजार 817 एकड़ क्षेत्रफल पर किया जा रहा है। वर्तमान में रिफाईनरी के सभी प्रोसेस यूनिट्स का कार्य प्रगति पर है। रिफाईनरी में विभिन्न 38 प्रकार के बड़े प्रोजेक्ट निर्माणाधीन है।
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विश्व पटल पर नई पहचान
प्रदेश के विकास के लिए महत्वपूर्ण बाड़मेर रिफाईनरी में देश-विदेश की कई कंपनियां कार्यरत है। बाड़मेर में मिले तेल एवं गैस भण्डार से जिले का कायाकल्प हुआ है तथा रिफाईनरी प्रोजक्ट की वजह से बाड़मेर को विश्व पटल पर नई पहचान मिली है।
बाड़मेर रिफाइनरी प्रोजेक्ट से राजस्थान को आर्थिक दृष्टिकोण से मजबूती मिल सकेगी। रिफाईनरी के अनुषंगी उद्योगों के लिए आस-पास के परिक्षेत्र में रीको के औद्योगिक क्षेत्र भी समानान्तर रूप से विकसित किए जा रहे हैं तथा औद्योगिक विकास दिन दुनी, रात चौगुनी गति से हो रहा है।
राजस्थान सरकार यहां पेट्रो केमिकल हब की भी स्थापना करने जा रही है। इसके तहत बड़े क्षेत्र में औद्योगिक विकास के साथ सैकड़ों की संख्या में औद्योगिक इकाइयों की स्थापना होगी। इससे हजारों स्थानीय लोगों को रोजगार मिलेगा। यहां कौशल विकास के जरिए युवाओं को तकनीकी क्षेत्र में प्रशिक्षित किया जाएगा। इससे वे पेट्रो केमिकल क्षेत्र में अपना भविष्य संवार सकेंगे।