Mahasamund :-हिंदू पंचांग की गणना के अनुसार कब होता है शुक्र अस्त ? गणना के अनुसार सूर्य और शुक्र की युति 18 महीने में 2 बार होती है। सूर्य अपनी शक्ति से शुक्र को ओझल सा कर देता है। इसी कारण इसे अस्त कहा जाता है। हिंदू धर्म में विवाह जैसे मांगलिक कार्य को करने से पहले शुक्र की स्थिति जरूर देखी जाती है। शुक्र अस्त होने के कारण देवउठनी एकादशी के बाद 20 नवम्बर तक विवाह का मुहूर्त नहीं है। उक्त बाते पं अमित हिशीकर Pt Amit Hisikar ज्योतिषाचार्य,कर्मकांड पुरोहित ने कहा है।
पं. हिशीकर Pt Amit Hisikar ने बताया कि इस बार देवउठनी तथा इसके बाद 20 नवंबर तक मांगलिक कार्य के लिए शुभ मुहूर्त नहीं है वर्षों बाद स्थिति निर्मित हो रही है तुलसी शालग्राम के विवाह वाले दिन भी विवाह के लिए शुभ मुहूर्त नहीं है ।जबकि, वर्षों से यह परंपरा बनी हुई है कि देवउठनी के मुहूर्त देखने की आवश्यकता नहीं होती। सनातन धर्म में किसी भी मांगलिक कार्य को करने से पहले मुहूर्त का जरूर ध्यान रखा जाता है। माना जाता है कि शुभ मुहूर्त में कार्य करने से उस काम में सफलता जरूर मिलती है।
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विवाह का कारक ग्रह है शुक्र
शुक्र ग्रह को धन, ऐश्वर्य, संपन्न, आकर्षण, सुंदरता का प्रतीक माना जाता है। इसलिए अगर शुक्र अस्त होता है, तो विवाह, सगाई आदि करने की पूर्ण रूप से मनाही होती है। लेकिन क्या आप जानते हैं कि आखिर शुक्र की स्थिति के बाद ही विवाह का मुहूर्त क्यों निर्धारित किया जाता है।
शुक्र ग्रह की पौराणिक कथा
शास्त्रों में शुक्र ग्रह को ब्राह्मण, विद्वान और शुक्राचार्य के रूप में जाने जाते हैं। पौराणिक कथा के अनुसार, शुक्राचार्य ऋषि भृगु और पुलोमा के पुत्र थे। शुक्र को भगवान शिव से संजीवनी विद्या का ज्ञान दिया था, जिससे वह मृत लोगों को आसानी से जीवित कर सकते हैं। शुक्राचार्य से खुश कर भगवान शिव ने उन्हें ग्रहों में सबसे श्रेष्ठ होने का आशीर्वाद दे दिया। इसके साथ यह भी कहा कि शुक्र के आकाश में उदय होने पर ही शुभ और मांगलिक कार्य करना शुभ होगा। इसी कारण शुक्र ग्रह के उदय होने पर शादी-विवाह के काम किए जाते हैं।
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नवंबर दिसंबर में मात्र 10 शुभ मुहूर्त
पं अमित हिशीकर के अनुसार नवंबर माह में इस बार 4 शुभ मुहूर्त हैं इनमें 25, 26, 27, 28 को विवाह किए जा सकेंगे इसके बाद साल के अंतिम माह दिसंबर में 6 शुभ मुहूर्त हैं दिसंबर में 2,3,7,8 तथा 14 को मांगलिक कार्य हो सकेंगे बता दें कि देवउठनी को अबूझ मुहूर्त मानकर इस मुहूर्त में बंपर शादी होती है
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