महासमुंद। महिला एवं बाल विकास विभाग द्वारा 200 जोड़ों का सामूहिक विवाह में नगर के जनप्रतिनिधियों को आमंत्रण न देकर उन्हें अपमानित करने का घृणित कार्य किया है। जिसे लेकर आज नगर पालिका के अध्यक्ष कक्ष में अध्यक्ष, उपाध्यक्ष की उपस्थिति में समस्त पार्षदों की बैठक आहूत की गई थी।
बैठक में उपस्थित सभी जनप्रतिनिधियों ने एक स्वर में, कार्यक्रम का बहिष्कार करने का निर्णय लिया है। कहा गया है कि जिला प्रशासन महासमुंद द्वारा नगर पालिका प्रशासन के समस्त संसाधनों का उपयोग तो करती है लेकिन जहां सम्मान की बात आती है तो नगर पालिका के जनप्रतिनिधि हमेशा उपेक्षा का शिकार होते है।
जिले के इतने बड़े एवं महत्वपूर्ण कार्यक्रम में सक्रिय भूमिका निभाने वाले निकाय के जनप्रतिनिधियों को दलगत राजनीति से हटकर कन्या विवाह के आयोजन में आमंत्रित तक नहीं किया गया है।
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इससे क्षुब्ध होकर नगर के निर्वाचित जनप्रतिनिधियों ने उक्त कार्यक्रम के बहिष्कार करने का निर्णय लिया है। साथ ही नपाध्यक्ष, उपाध्यक्ष और पार्षदों ने सामूहिक विवाह के आयोजन में नवदामपत्य जीवन में प्रवेश करने जा रहे वर-वधुओं को अग्रिम शुभाशीष देते हुए सफल जीवन की कामना व्यक्त किये है।
जनप्रतिनिधियों ने शासन-प्रशासन को चेतावनी देते हुए यह भी कहा है कि यदि आगे भी उनके द्वारा किसी प्रकार उपेक्षात्मक बर्ताव किया गया, तो जनप्रतिनिधियों द्वारा इसका तीव्र विरोध करते हुए धरना-प्रदर्शन के साथ विरोध दर्ज कराया जाएगा।
निर्वाचित जनप्रतिनिधयों की बैठक में नपाध्यक्ष प्रकाश चंद्राकर, उपाध्यक्ष कृष्णा चंद्राकर, सभापतिगण, संदीप घोष, मनीष शर्मा, रिंकु चंद्राकर, माधवी महेंद्र सिका, मुन्ना देवार, महेंद्र जैन, मीना वर्मा एवं पार्षदगण राजेंद्र चंद्राकर, कुमारी देवार, कमला बरिहा, मंगेश टांकसाले, राजेश नेताम, हफीज कुरैशी एवं सरला गोलू मदनकार आदि उपस्थित थे।
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