प्रशिक्षण से पूर्व और प्रशिक्षण के बाद शिक्षकों का होगा ऑनलाइन टेस्ट ,राज्य स्त्रोत प्रशिक्षक और विकास खण्ड स्त्रोत प्रशिक्षक दल की ,चयन की सूची 7 दिसम्बर तक उपलब्ध कराने के निर्देश
रायपुर:राज्य के शासकीय स्कूलों की शिक्षा गुणवत्ता में सुधार और आधुनिक पढ़ाई के अनुरूप प्राथमिक और उच्च प्राथमिक स्कूलों के सभी शिक्षकों को प्रशिक्षण दिया जाएगा। केन्द्र सरकार ने सभी राज्यों के शासकीय स्कूलों के शिक्षकों को प्रशिक्षण के लिए योजना बनाई है। इसके लिए निष्ठा (नेशनल इनिसिएटिव ऑन स्कूल टीचर हेड हॉलीस्टिक एडवांसमेंट) नाम से पोर्टल भी तैयार किया गया है। राज्य में शिक्षा की गुणवत्ता को समान रूप से बेहतर बनाने के लिए शिक्षक अभ्यास और मूल्यांकन में मानकों की आवश्यकता है.
शिक्षकों को अधिगम सम्प्राप्ति ¼Los½, स्कूल आधारित आकलन (School Based Assessment), शिक्षार्थी केन्द्रित शिक्षण शास्त्र, शिक्षा में नवीन पहल तथा बहु शिक्षण शास्त्र के द्वारा विद्यार्थियों की विविधताओं के समावेशन की और स्कूल लीडरशीप आदि विषयों की क्षमता पर एकीकृत प्रशिक्षण दिया जाएगा। सबसे पहले राष्ट्रीय प्रशिक्षकों द्वारा प्रदेश में 1500 मास्टर ट्रेनरो को प्रशिक्षित किया जाएगा। यह प्रशिक्षण राष्ट्रीय प्रशिक्षकों द्वारा मास्टर टेªनर राज्य स्त्रोत प्रशिक्षक और विकास खण्ड स्त्रोत प्रशिक्षकों को दिया जाएगा.
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राज्य शैक्षिक अनुसंधान और प्रशिक्षण परिषद के अधिकारियों ने यह जानकारी देते हुए बताया कि यह प्रशिक्षण कार्यक्रम अन्य प्रशिक्षण कार्यक्रम से अलग है। इसमें प्रशिक्षण से पूर्व और प्रशिक्षण के बाद शिक्षकों का ऑनलाइन टेस्ट लिया जाएगा। इसके लिए सभी शिक्षकों की ई-मेल आईडी बनाई जाएगी। सभी शिक्षकों को फेस-टू-फेस प्रशिक्षण दिया जाएगा.
प्रशिक्षण के संबंध में सभी संयुक्त संचालक संभागीय शिक्षा कार्यालय और जिला शिक्षा अधिकारियों को राज्य स्त्रोत प्रशिक्षक और विकास खण्ड स्त्रोत प्रशिक्षकों का चयन कर सूची 7 दिसम्बर तक राज्य शैक्षिक अनुसंधान और प्रशिक्षण परिषद कार्यालय को उपलब्ध कराने के निर्देश दिए गए है। राज्य शैक्षिक अनुसंधान और प्रशिक्षण परिषद कार्यालय द्वारा सभी संयुक्त संचालक संभागीय शिक्षा कार्यालय और जिला शिक्षा अधिकारियों को जारी निर्देश में प्रशिक्षण की तैयारी के संबंध में कहा गया है कि निष्ठा कार्यक्रम के तहत राज्य के सभी प्राथमिक और उच्च प्राथमिक विद्यालयों में अध्यापन कराने वाले शिक्षकों, प्रधान पाठक, बीआरसी और सीआरसी को प्रशिक्षित किया जाए। इसके लिए प्रत्येक विकास खण्ड में एक राज्य स्त्रोत प्रशिक्षक और पांच विकास खण्ड स्त्रोत प्रशिक्षक का चयन कर छह सदस्यीय दल बना लिया जाए। राज्य स्त्रोत प्रशिक्षक स्कूल लीडरशीप के रिसोर्स पर्सन के रूप में कार्य करेंगे और विकास खण्ड स्त्रोत प्रशिक्षक शेष प्रशिक्षण माड्यूल के लिए रिसोर्स पर्सन के रूप में कार्य करेंगे। प्रत्येक दल एक बार में 150 शिक्षकों को प्रशिक्षण देगा तथा कुल पांच चरणों में 750 शिक्षकों को प्रशिक्षण दिया जाएगा.
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निर्देश में यह भी कहा गया है कि विकास खण्डों में शिक्षकों की संख्या के अनुरूप राज्य स्त्रोत प्रशिक्षक और विकास खण्ड स्त्रोत प्रशिक्षक के दल बनाए जाए। जिन विकास खण्डों में 750 तक शिक्षक हैं। वहां एक दल, 1500 सौ तक के लिए दो दल, 1700 से 2000 हजार तक के लिए तीन दलों का गठन किया जाए.
राज्य स्त्रोत प्रशिक्षक और विकास खण्ड स्त्रोत प्रशिक्षक हाई स्कूल, हायर सेकेण्डरी, डाइट, व्याख्याता, प्राचार्य और संकाय सदस्य होंगे। राज्य स्त्रोत प्रशिक्षक हाई स्कूल, हायर सेकेण्डरी विद्यालयों के प्राचार्य को बनाया जाए। राज्य स्त्रोत प्रशिक्षक और विकास खण्ड स्त्रोत प्रशिक्षक प्रशिक्षण देने के लिए अच्छा संप्रेषण एवं व्यवहार कुशल होना चाहिए और इनके पास स्मार्ट फोन होना आवश्यक है। निर्देश में यह भी कहा गया है कि राज्य स्त्रोत प्रशिक्षक और विकास खण्ड स्त्रोत प्रशिक्षक के दलों का चयन कर विकास खण्ड स्तर पर प्रशिक्षण स्थल का चयन कर लिया जाए, जिसमें 150 की क्षमता का एक हाल और 50-50 की क्षमता वाले तीन कक्ष हों। आवासीय व्यवस्था भी सुनिश्चित कर ली जाए.