महासमुंद-खरतरगच्छाचार्य छत्तीसगढ़ श्रृंगार परम पूज्य जिनपियुषसागर सूरि जी म.सा.साधु साध्वी आदि ठाना 40 की पावन निश्रा में दीक्षार्थियों में विजय कोठारी,रजत चोपड़ा,सुषमा कोठारी महासमुंद निवासी एवम संयम पारख सुरगी,मुंगेली निवासी का प्रव्रज्या प्रीत परिणयोत्सव आज महासमुंद में हर्षोल्लास के साथ संपन्न हुई। महोत्सव के अंतिम दिवस सर्वप्रथम चारों दीक्षार्थी प्रात: 4.30 बजे जैन मंदिर जाकर मूलनायक शांतिनाथ भगवान जी का प्रक्षाल एवम स्नात्र पूजा किए।
प्रात: 6.00 बजे सभी दीक्षार्थी सज-धज कर गाजे बाजे के साथ अंतिम विदाई लेकर सकल संघ के साथ दीक्षा अंगीकार करने विजय तिलक की ओर प्रयाण किए, जहां लापसी लूट के बाद प्रभु के समवशरण के समक्ष प्रव्रज्या विधि प्रारंभ हुई। झूमते नाचते हुए चारों दीक्षार्थियों ने रजोहरण ग्रहण किया, जिसके बाद चारों का केश लोचन व वेष परिवर्तन होकर संयम मार्ग में प्रवेश किए और उनका परिणय प्रभु से हो गया।
रजत,विजय,सुषमा व् संयम दीक्षा अंगीकार परमात्मा के पथ के पथिक बनेगे
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जिसके बाद आचार्य भगवंत द्वारा उनका नाम परिवर्तन करके नूतन नाम प्रदान किया गया। विजय कोठारी का नाम सन्मार्गरत्न सागर जी म.सा., रजत चोपड़ा का नाम शास्वतरत्न सागर जी म.सा., संयम पारख का नाम बालमुनि श्लोकरत्न सागर जी म.सा., सुषमा कोठारी का नाम साध्वी प्रियसूधा श्रीजी म.सा. प्रदान किया गया। इस दीक्षा महोत्सव में देश भर से सभी धर्म समाज के लोग उपस्थित थे। कल तक जिन दीक्षार्थियों को शेरवानी एवम लहंगा चुनरी देख रहे थे आज उनका चोला सफेद हो गया ।
उपरोक्त कार्यक्रम का आज लाइव प्रसारण पारस चैनल में किया गया। उक्त समारोह के आयोजक जैन श्री संघ, महासमुंद एवम आनंद रत्नाकर दीक्षा महोत्सव समिती है। जैन श्री संघ के सचिव श्री रितेश गोलछा ने बताया कि कल प्रात: पारणा के पश्चात इनका पैदल विहार केवल्यधाम तीर्थ कुम्हारी के लिए होगा, जहां आगामी 17 फरवरी को इनकी बड़ी दीक्षा संपन्न होगी।
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