दिल्ली-भारतीय सेना ने कल 74वां सेना दिवस मनाया। यह दिन फील्ड मार्शल के.एम. करियप्पा के भारतीय सेना के पहले कमांडर-इन-चीफ का पदभार ग्रहण करने की याद में मनाया जाता है। उन्हें भारत के अंतिम ब्रिटिश कमांडर-इन-चीफ जनरल फ्रांसिस बुचर के स्थान पर 15 जनवरी, 1949 को कमांडर इन चीफ बनाया गया था। वे स्वतंत्र भारत के पहले भारतीय कमांडर-इन-चीफ नियुक्त हुए थे।
सेना दिवस समारोह की शुरुआत राष्ट्रीय युद्ध स्मारक पर माल्यार्पण करने के साथ हुई जहां तीनों सेनाओं के प्रमुखों ने वीरों और शहीदों को श्रद्धांजलि दी। थल सेनाध्यक्ष जनरल एम.एम. नरवणे ने भारतीय सेना की सभी रैंकों के लिए अपने संदेश में उन सभी कर्मियों के सर्वोच्च बलिदान को सलाम किया।
थल सेनाध्यक्ष ने दिल्ली छावनी के करियप्पा परेड ग्राउंड में सेना दिवस परेड का निरीक्षण किया तथा सलामी ली। उन्होंने वीरतापूर्ण साहसिक कार्यों के लिए 15 सेना पदक (पांच मरणोपरांत सहित) प्रदान किये और इकाइयों को उनके सराहनीय प्रदर्शन के लिए 23 सीओएएस यूनिट प्रशस्ति पत्र से सम्मानित किया। इस वर्ष सेना दिवस परेड में भारतीय सेना की सूची में शामिल विभिन्न हथियार प्रणालियों के विकास को प्रदर्शित किया गया।
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नए एवं आधुनिकतम हथियार प्रणालियों तथा प्लेटफार्मों को उनके पुराने समकक्षों के साथ दर्शाया गया था। सेंचुरियन टैंकों के बाद अर्जुन देश के मुख्य युद्धक टैंक थे और टोपास के स्थान पर बीएमपी-II को तैनात किया गया था। इसी तरह से 75/24 भारतीय फील्ड गन और धनुष, पीएमपी/पीएमएस तथा सर्वत्र ब्रिजेस एवं टाइगर कैट और आकाश सतह से हवा में मार करने वाली मिसाइलों की जोड़ी भी प्रदर्शित की गई।
परेड में अंतर्राष्ट्रीय खेल पुरस्कार विजेता और घुड़सवार सेना सहित सात मार्चिंग दल भी शामिल हुए। इस कार्यक्रम के दौरान प्रसिद्ध गायक हरिहरन द्वारा गाया गया ‘माटी’ शीर्षक वाला एक गीत विशेष रूप से जारी किया गया, जो सेना और राष्ट्र को समर्पित किया गया है। भारतीय सेना ने परेड के दौरान अपनी लड़ाकू पोशाक के नवीनतम पैटर्न का भी अनावरण किया।
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