जयपुर। मुख्यमंत्री अशोक गहलोत ने कहा कि प्रदेश के पर्यटन उद्योग को बढ़ावा देने के लिए राज्य सरकार समर्पित भाव से काम रह रही है। इसके लिए दूरगामी सोच के साथ कई महत्वपूर्ण निर्णय किए गए हैं। पर्यटन के क्षेत्र में राजस्थान को नई ऊंचाइयों तक पहुंचाने के लिए सरकार ने 500 करोड़ रूपए का पर्यटन विकास कोष बनाने का अहम निर्णय किया है। इस कोष से पर्यटक स्थलों पर आधारभूत सुविधाओं के विकास, उनके संरक्षण तथा राष्ट्रीय एवं अन्तर्राष्ट्रीय स्तर पर मजबूत ब्रांडिंग जैसे कार्य किए जाएंगे।
सीएम गहलोत ने प्रदेश के 5 प्रमुख पर्यटक स्थलों पर आकर्षक लाइट एंड साउंड शो के लोकार्पण समारोह को संबोधित कर रहे थे। वीडियो कॉन्फ्रेंस के माध्यम से आयोजित इस कार्यक्रम में मुख्यमंत्री ने जयपुर के प्रमुख धार्मिक स्थल गोविंद देव जी मंदिर परिसर स्थित जयनिवास उद्यान, मेड़ता में मीराबाई स्मारक, चित्तौड़गढ़ के विश्व विख्यात दुर्ग, धौलपुर के मचकुंड में आकर्षक लाइट एंड साउंड शो तथा जैसलमेर की ऎतिहासिक गड़सीसर झील में लेजर वाटर शो का लोकार्पण किया।
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उन्होंने कहा कि पर्यटन के क्षेत्र में राजस्थान की देश और दुनिया में विशिष्ट पहचान है। बड़ी संख्या में देशी और विदेशी पर्यटक यहां की मनभावन संस्कृति, किलों, महलों, बावडियों तथा वाइल्ड लाइफ, डेजर्ट आदि से जुड़े आकर्षक स्थलों को देखने आते हैं। रोजगार में पर्यटन उद्योग की महत्वपूर्ण भूमिका है। लाखों लोगों की आजीविका इससे जुड़ी हुई है। दुनिया के कई मुल्कों की अर्थव्यवस्था पर्यटन उद्योग पर निर्भर करती है।
मुख्यमंत्री ने कहा कि धार्मिक, वाइल्ड लाइफ, ट्राईबल, डेजर्ट पर्यटन को प्रोत्साहित करने के लिए नए-नए सर्किट जोड़ने के साथ ही सभी प्रमुख धार्मिक एवं पर्यटन स्थलों पर विकास के कार्य किए जा रहे हैं। कोरोना महामारी से प्रभावित इस उद्योग को संबल देने में भी सरकार कोई कमी नहीं रख रही है। कोविड के कारण पूरी दुनिया में वेलनैस टूरिज्म एवं इससे जुड़ी गतिविधियों का महत्व बढ़ा है। प्रदेश में भी इस टूरिज्म को प्रोत्साहित करने पर काम हो रहा है।
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कार्यक्रम में केन्द्रीय संस्कृति राज्यमंत्री अर्जुनराम मेघवाल ने कहा कि स्वदेश योजनान्तर्गत जिन 5 स्थानों पर लाइट एण्ड साउण्ड शो का आज लोकार्पण किया जा रहा है, उन स्थानों का इतिहास एवं पर्यटन की दृष्टि से बड़ा महत्व है। इससे देशी एवं विदेशी सैलानियों को राजस्थान के गौरवपूर्ण इतिहास एवं समृद्ध सांस्कृतिक विरासत को जानने का अवसर मिलेगा। इससे प्रदेश के पर्यटन विकास को गति मिलेगी।
प्रदेश के पर्यटन मंत्री विश्वेन्द्र सिंह ने कहा कि कोरोना से प्रभावित प्रदेश का पर्यटन उद्योग फिर से पटरी पर लौट रहा है। राज्य सरकार के निर्णयों एवं प्रयासों से इस उद्योग को बड़ा संबल मिला है। उन्होंने केन्द्रीय संस्कृति राज्यमंत्री अर्जुनराम मेघवाल से आग्रह किया कि वे केन्द्र सरकार के स्तर पर लंबित प्रदेश के पर्यटन विकास की दृष्टि से महत्वपूर्ण 8 मेगा प्रोजेक्ट्स को शीघ्र मंजूरी देने के लिए पहल करें। पर्यटन मंत्री ने कहा कि राज्य में एयर कनेक्टिविटी को बढ़ावा देकर घरेलू पर्यटन को नई उंचाईयों पर ले जाया जा सकता है और पर्यटन विभाग इस दिशा में सकारात्मक सोच के साथ काम करेगा।
इस अवसर पर जलदाय मंत्री डॉ. महेश जोशी, पर्यटन निदेशक निशांत जैन, राजस्थान संगीत नाटक अकादमी के पूर्व अध्यक्ष रमेश बोराणा सहित पर्यटन विभाग के अन्य वरिष्ठ अधिकारी भी मुख्यमंत्री निवास पर मौजूद रहे। संबंधित जिलों के मंत्री, सांसद, विधायक एवं अन्य जनप्रतिनिधि, जिला कलक्टर सहित अन्य अधिकारी भी वीसी लिंक के माध्यम से कार्यक्रम से जुडे़।
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