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सुखमय जीवन जीने का राह प्रबुद्धजनों ने दिखाया, सर्व धर्म समभाव सभा के आयोजन में

मानव जीवन की सार्थकता खुशियां बॉटने में हैं, न कि दुख। हम वही पाते हैं,जो हम बॉटते हैं। इसलिए किसी का दिल नहीं दुखाना चाहिए

सुखमय जीवन जीने का राह प्रबुद्धजनों ने दिखाया, सर्वधर्म समभाव सभा के आयोजन में

महासमुंद। दीनदयाल नगर, परसकोल रोड, हाऊसिंग बोर्ड कॉलोनी में सर्व धर्म समभाव प्रार्थना सभा और जीवन दर्शन पर आधारित कार्यक्रम का आयोजन हुआ। वरिष्ठ पत्रकार आनंदराम साहू द्वारा आयोजित इस अनूठे कार्यक्रम के संयोजक सुरेन्द्र मानिकपुरी, गेंदलाल कोकड़िया, महेंद्र पटेल, गोवर्धन साहू, देवेंद्र ध्रुव, नेतन पटेल, तीर्थराज साहू आदि थे।

आनंदराम की माताजी स्व. देवकी देवी साहू की प्रथम पुण्यतिथि और पिताजी स्व. परसराम साहू की पुण्य स्मृति में यह कार्यक्रम आयोजित हुआ। सामाजिक समरसता का यह प्रयास अनुकरणीय है। इस कार्यक्रम में न केवल हिंदू समुदाय के लोग अपितु सिक्ख ,जैन, ईसाई,गायत्री परिवार ,कबीर पंथ आदि सभी मतावलंबी के प्रतिनिधिगण उपस्थित रहे।

ईसाई धर्मानुयायी विजय लाल, सिख धर्मानुयायी ज्ञानीश्री बचन इच्छपाणी, जैन धर्मानुयायी और उद्योगपति पारस चोपड़ा, हिन्दू धर्मानुयायी वक्ता के के पांडेय, कबीर पंथ प्रवर्तक रेशमदास मानिकपुरी, पोखनदास मानिकपुरी, सुरेंद्र मानिकपुरी, ललित मानिकपुरी, गायत्री परिवार से लक्ष्मीनाथ साहू मचेवा, छत्तीसगढ़ी साहित्यकार बंधु राजेश्वर खरे, जीवन दर्शन प्रबोधक गेंदलाल और राखी कोकड़िया आदि का संबोधन उल्लेखनीय रहा।

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धर्म-कर्म पर विस्तार से चर्चा

सभी ने अपने-अपने धर्मो में जीवन दर्शन और धर्म-कर्म पर विस्तार से चर्चा की। जीवन कैसे जीएं ? जीवन की सार्थकता किसमें है? जीवन का प्रयोजन क्या है? मानव जीवन का लक्ष्य और उपलब्धि क्या है? आदि अनेक गुणधर्म और जीवन दर्शन को संवाद के माध्यम से समझने-समझाने का प्रयास किया गया। जिसे सभा ने एकमत से स्वीकार किया। कार्यक्रम का शुभारंभ करते हुए मानवीय शिक्षा शोध केन्द्र तेंदुवाही (पटेवा) के संचालक शिक्षक गेंदलाल कोकडिया ने आनंदराम साहू के व्यक्तित्व और कृतित्व पर प्रकाश डाला।

शरीर और जीवन में अंतर

कोकड़िया ने शरीर और जीवन में अंतर को स्पष्ट करते हुये बच्चों को संस्कारी बनाने के लिये मानव समाज को नई दिशा देने की बात कही। इसके लिए सभी पारिवारिक, सामाजिक कार्यक्रम, जन्म,नामकरण,विवाह,शिक्षा,दीक्षा,मृत्यु संस्कार में नवाचार की आवश्यकता बताते हुए उन्होंने कहा कि तामझाम व दिखावे से मुक्त सार्थक संवाद सभा आयोजित करने की आवश्यकता है।

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मानव जीवन की सार्थकता खुशियां बांटने में है

सर्व धर्म समभाव सभा कार्यक्रम में उपस्थित सिक्ख समुदाय से प्रतिनिधि ज्ञानीजी ने गुरूग्रंथ साहिब का सार बताते हुये सभा को बताया कि मानव जीवन की सार्थकता खुशियां बॉटने में हैं, न कि दुख। हम वही पाते हैं,जो हम बॉटते हैं। इसलिए किसी का दिल नहीं दुखाना चाहिए। ईसाई समुदाय से विजय लाल ने बताया कि अपनी कुल आय का कम से कम 10वां भाग मानव समाज के लिये अर्पित करें। गुप्त दान करें, दान में दिखावा होने से उसका सम्पूर्ण फल नहीं मिलता है। वरिष्ठ पत्रकार संजय डफले ने कहा कि अच्छा रास्ता चुनने के लिये सत्य की समझ आवश्यक है।सच्चाई के साथ जीने वाले का सत्संग करने पर उन्होंने जोर दिया।

उद्योगपति व जैन धर्मावलम्बी पारस चोपड़ा ने इंद्रियों के ज्ञान व उस पर स्वनियंत्रण के लिये तपस्या और त्याग का महत्व बताया। मन,वचन,कर्म से अहिंसा को अंगीकार करने उन्होंने प्रेरित किया।

कृष्ण कुमार पांडेय ने हिंदू धर्म की व्याख्या करते हुए मानव का धर्म सुख को बताया। और सुख पाने के लिये आत्मज्ञान,आत्म ज्ञान के लिये मानव का अध्ययन को अनिवार्य बताया।

कबीरपंथी रेशमदास मानिकपुरी, सुरेन्द्र मानिकपुरी, पोखनदास मानिकपुरी ने निर्गुण निराकार भक्ति मार्ग पर ले जाने का मार्ग प्रशस्त करते हुए कहा कि गर्व से कहो हम मनुष्य हैं। मंदिर-मस्जिद बहुत हैं, अब हम सबको सच्चा इंसान बनना है।

छत्तीसगढ़ी साहित्यकार बंधु राजेश्वर खरे ने गीत के माध्यम से जीवन की सार्थकता व गायत्री परिवार के लक्ष्मी नाथ साहू ने सादगी पूर्ण जीवन,शांत जीवन को ही प्रेरणादायी जीवन बताया।

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सांसद ने नवाचार को सराहा

महासमुंद लोकसभा क्षेत्र के सांसद चुन्नीलाल साहू ने आनंदराम साहू के परिजनों से सौजन्य मुलाकात कर समाज सेवा के क्षेत्र में किए जा रहे कार्यो की सराहना की। इस नवाचार को भविष्य में मानव समाज के लिये एक अनुकरणीय संस्कार बताया।

सर्व धर्म समभाव सभा कार्यक्रम में मानवाधिकार संगठन से महेंद्र साहू, परमानंद, जनक राम साहू, वरिष्ठ पत्रकार बाबूलाल साहू, सालिकराम कन्नौजे, प्रभात महंती, अजय पांडेय, आशुतोष तिवारी, विपिन दुबे, दिनेश पाटकर, समाजसेवी योगेश्वर चंद्राकर, जयलाल ध्रुव, गणेश राम टंडन, केपी सोनवानी, देवेंद्र चंद्राकर, यादराम साहू सहित बड़ी संख्या में कॉलोनीवासी परिजन उपस्थित थे।