महासमुंद- जिले में खरीफ फसल की गिरदावरी का काम तेजी से चल रहा है। राजस्व विभाग की टीम द्वारा लगातार खेतों में जाकर सर्वे किया जा रहा है। वहीं रिपोर्ट तैयार की जा रही है। कलेक्टर डोमन सिंह आज रैंडमली निरीक्षण करने स्वयं खेतों में पहुँचें। उन्होंने महासमुंद के तीन गाँव मचेवा, परसट्ठी और बम्हनी में चल रहे गिरदावरी कार्य की जमीनी हकीकत का निरीक्षण किया।
कलेक्टर ने निरीक्षण के दौरान कहा कि समर्थन मूल्य पर धान एवं मक्का खरीदी तथा राजीव गांधी किसान न्याय योजना के तहत रकबे के आधार पर किसानों को लाभ दिया जाता है। इसके लिए वास्तविक कृषक, उनके सही रकबे एवं उसमें लगाई गई फसल का सत्यापन होना अत्यंत आवश्यक है। जिले में ऐसे कई क्षेत्र हैं जहां धान के अतिरिक्त अन्य फसलों का वृहद् क्षेत्र में उत्पादन किया जाता है। अतः अभियान के रूप में त्रुटिरहित गिरदावरी किया जाना शासन की सर्वोच्च प्राथमिकता है।
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उन्होंने मौकें पर निर्देश किया कि धान की फसल की रकबे के साथ पड़ती भूमि के रकबा का चिन्हांकन किया जाए। उन्होंने खसरा, नक्शा और समिति के पत्रक का अवलोकन किया। इस मौकें पर अनुविभागीय अधिकारी राजस्व (एसडीएम) भागवत प्रसाद जायसवाल, तहसीलदार प्रेमूलाल साहू साथ थे।
कलेक्टर ने किसान से भी खेती किसानी के संबंध में बातचीत की,उनका कुशलक्षेम पूछा।किसानों की भूमि और खरीफ फसलों के आंकलन के लिए राजस्व विभाग द्वारा 1 अगस्त से गिरदावरी रिपोर्ट तैयार करा रहा है। महासमुन्द जिले में एक अगस्त से गिरदावरी कार्य शुरू हो गया है, जिसे 30 सितम्बर तक गिरदावरी कार्य पूर्ण कर खसरा एवं भुईया साॅफ्टवेयर में प्रविष्टि पूरी करना है।
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कलेक्टर ने कहा कि किसानों को गिरदावरी का काम पूरा होने के
बाद कई फायदे होंगे। गिरदावरी का काम पूरा होने के
बाद फसल कटाई, फसल खराब, फसल उत्पादन की सही जानकारी मिलेगी।
किसानों को फसल में हुए नुकसान, अकाल की स्थिति और आरबीसी 6-4 के
तहत सही मुआवजा भी मिलेगा। किसानों के सभी रिकाॅर्ड ऑनलाइन रहेंगे।
इससे खाद-बीज के लिए लोन लेने के अलावा फसल बेचने में भी सुविधा होगी।
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