बेमेतरा- जिला के एक राईसमिलर द्वारा कस्टम मिलिंग के तहत 472.4 मी.टन चावल जमा नहीं करने के अलावा कारण बताओ नोटिस जारी करने के बाद भी संचालक द्वारा न ही जवाब दिया गया और न ही प्रत्यक्ष सुनवाई का लाभ लिया गया जिसके तहत राईस मिल को ब्लैक लिस्टेड करते हुए कस्टम मिलिंग के कार्य से आगामी दो वर्षों के लिए पृथक किया गया है।
खाद्य अधिकारी राजेश कुमार जायसवाल ने बताया कि जिले के 5 राईस मिलों की जांच की गई थी, जिसमें चावल जमा की गति धीमी पाई गई। जिनका प्रकरण कलेक्टर न्यायालय में प्रचलन में है। जिसमें से सिन्हा राईस मिलिंग, सैगोना के द्वारा कस्टम मिलिंग के लिए पंजीयन कराया जाकर जिला विपणन अधिकारी बेमेतरा से कस्टम मिलिंग कार्य के लिए अनुबंध 4800 मी.टन का किया गया उसके द्वारा 472.4 मी.टन चावल जमा नहीं किया गया। जिसकी जांच 07 जुलाई 2021 को खाद्य विभाग की संयुक्त टीम द्वारा की गई थी जिसमें मिल परिसर में कोई चावल/धान भौतिक रूप से नहीं पाया गया था।
कस्टम मिलिंग के कार्य मे लापरवाही बरतने वाले छह राईस मिलरो को कारण बताओ नोटिस जारी
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उन्हें कारण बताओ नोटिस जारी किया गया। मिल के संचालक द्वारा न ही जवाब दिया गया और न ही प्रत्यक्ष सुनवाई का लाभ लिया गया। जो छ.ग. कस्टम मिलिंग चावल उपार्जन आदेश 2016 की कंडिका 6 (1)(2)(3) व 12 का उल्लंघन है, जो कि आवश्यक वस्तु अधिनियम 1955 की धारा 3/7 के तहत दण्डनीय है।
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इस कारण छ.ग. कस्टम मिलिंग चांवल उपार्जन आदेश-2016 की कंडिका-09 में दिये गये प्रावधानों
में प्रदत्त शक्तियों का प्रयोग करते हुए उनके द्वारा उठाये गये धान के लिए जमा की गई
बैंक गारंटी राशि 1,55,99,900 एवं एफडीआर राशि 80,00,000 को जप्त करते हुए
जितेन्द्र कुमार सिन्हा संचालक, फर्म सिन्हा राईस मिलिंग सैगोना को ब्लैक लिस्टेड
करते हुए कस्टम मिलिंग के कार्य से आगामी दो वर्षों के लिए पृथक किया गया है।
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