16 फरवरी 2021 को माघ मास की शुक्ल पक्ष की पंचमी तिथि है। इस तिथि पर बसंत पंचमी का पर्व मनाया जाता है। इस दिन मां सरस्वती की विशेष पूजा-अर्चना की जाती है। हिंदू धर्म में मां सरस्वती को ज्ञान की देवी माना गया है। शास्त्रों में ज्ञान को ऐसा प्रकाश बताया है जो हर प्रकार के अंधकार को दूर कर सकता है।
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हिंदु धर्म में प्रचलित कथा के मुताबिक बसंत पंचमी के दिन ही ब्रह्मा जी ने मां सरस्वती की सरंचना की थी। एक ऐसी देवी जिनके चार हाथ एक हाथ में वीणा, दूसरे में पुस्तक, तीसरे में माला और चौथा हाथ वर मुद्रा में था। ब्रह्मा जी ने इस देवी से वीणा बजाने को कहा जिसके बाद संसार में मौजूद हर चीज़ में स्वर आ गया। इस वजह से ब्रह्मा जी ने वाणी की देवी नाम दिया। इसी वजह से मां सरस्वती को ज्ञान, संगीत, कला की देवी कहा जाता है।
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बसंत पंचमी के दिन कई शुभ कार्य विशेषतौर पर कोई नई विद्या आरंभ करना, कोई नया काम शुरू करना, बच्चों का मुंडन संस्कार, अन्नप्राशन संस्कार, गृह प्रवेश या अन्य कोई शुभ काम करना अच्छा माना जाता है।
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बसंत पंचमी पर पीले रंग का विशेष महत्व माना गया है। पीले रंग को उत्साह और उल्लास का रंग माना गया है।
बसंत ऋतु में सभी ऋतुओं में विशेष माना गया है।
ऐसा माना जाता है कि बसंत ऋतु में धरती की उर्वरा शक्ति में वृद्धि होती है।
बसंत ऋतु को ऋतुओं का राजा भी माना गया है।
सही मायने में बसंत पंचमी प्रकृति का उत्सव है।
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