दंतेवाड़ा/गीदम :- पर्यावरण संरक्षण और प्रदूषण नियंत्रण के तहत पूरे देश भर में विश्व पर्यावरण परिषद के द्वारा “विश्व वृक्षारोपण अभियान 2020” चलाया जारहा है। जिसमें 5001 पीपल पौधा रोपण लगाने की जिम्मेदारी लिया। इसी अभियान के अन्तर्गत पीपल पौधारोपण हेतु छत्तीसगढ़ प्रदेश के तीन लोगों को “विश्व पर्यावरण परिषद पीपल रत्न” अलंकरण प्राप्त हुआ।
पीपल रत्न अलंकरण से हुए सम्मानित
दंतेवाड़ा जिले से विज्ञान व प्रदौगिकी विभाग भारत सरकार के अंतर्गत भारतीय विज्ञान कांग्रेस संस्था के आजीवन सदस्य तथा आस्था विद्या मंदिर के शिक्षक अमुजूरी बिश्वनाथ, महासमुंद जिले से ग्रीन केयर सोसाइटी इंडिया बागबाहरा के अध्यक्ष विश्वनाथ पाणीग्राही और आर्ष ज्योति गुरुकुल कोसरांगी के प्रमुख आचार्य कोमल कुमार आर्य को “पीपल रत्न” अलंकरण से विश्व पर्यावरण परिषद के संस्थापक अध्यक्ष प्रो गणेश चन्ना व सचिव डॉ श्रीकांत मेर्गु के द्वारा सम्मानित किया गया।
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औषधि एवं धार्मिक आस्था का वृक्ष
अमुजूरी बिश्वनाथ ने दंतेवाड़ा जिले में पौधा लगाते कहा की पीपल वृक्ष ही एक मात्र ऐसा वृक्ष जो पूरे चोबीस घंटे दिन-रात हमें प्राण वायु ऑक्सीजन प्रदान करता है । पर्यावरण संरक्षण केलिए लोग स्वयं आगे आने की अपील किया। विश्वनाथ पाणीग्राही ने कहा कि पीपल बहू उपयोगी, औषधि एवं धार्मिक आस्था का वृक्ष है इसलिए छत्तीसगढ़ प्रदेश में विभिन्न जगह पर पीपल पौधरोपण स्वयं किया है। भगवान श्री कृष्ण ने कहा है वृक्षों में मैं पीपल हूं ।
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आचार्य कोमल कुमार आर्य ने पीपल वृक्ष के महत्व को बताते हुए गुरुकुल आश्रम कोसरंगि में स्वयं तथा विद्यार्थीयों से पीपल पौधारोपण करके संरक्षण की जिम्मेदारी लिया। ग्रीन केयर सोसाइटी द्वारा विगत दो वर्षो से पर्यावरण जागरूकता के रूप में पीपल पौधे रोपण किए । साथ ही विश्व पर्यावरण परिषद के पीपल पौधारोपण में सहभागिता करते अनेक स्थानों में पीपल का पौधरोपण किया गया है ।
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