महासमुंद-संसदीय सचिव व विधायक विनोद सेवनलाल चंद्राकर ने कहा कि कोरोना संकट काल में प्रदेश की अर्थव्यवस्था गतिशील बनी हुई है। इसकी वजह प्रदेश सरकार की जनहितैषी नीतियां है। राजीव गांधी किसान न्याय योजना की तीसरी किश्त की राशि किसानों को राज्य स्थापना दिवस एक नवम्बर को दी जाएगी। जिले में इस योजना के तहत एक लााख 28 हजार 642 किसानों को लाभ मिलेगा।
संसदीय सचिव ने कहा कि कृषि में पर्याप्त निवेश एवं कास्त लागत में राहत देने राज्य शासन द्वारा कृषि आदान सहायता के लिए राजीव गांधी किसान न्याय योजना की शुरुआत की गई है। योजना के तहत खरीफ मौसम के धान, मक्का, सोयाबीन, मूंगफली, तिल, अरहर, मूंग, उड़द, कुल्थी, रामतिल, कोदो, कुटकी, रागी तथा रबी में गन्ना फसलों को शामिल किया गया है।
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जिले में खरीफ विपणन वर्ष 2019-20 में जिले के एक लाख 28 हजार 642 किसानों ने कुल 72 लाख 60 हजार 67 क्विंटल धान उपार्जित किया। अब अंतर राशि 496 करोड़ 70 लाख 74 हजार रुपये उन्हें राजीव गांधी किसान न्याय योजना के तहत चार किश्तों में दी जा रही है। आगामी किश्त राज्य स्थापना दिवस एक नवंबर को दी जाएगी।
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संसदीय सचिव ने कहा कि प्रदेश सरकार की जनहितैषी नीतियों और कार्यक्रमों की वजह से कोरोना संकट काल में भी राज्य की अर्थव्यवस्था गतिशील बनी रही है। कोरोना महामारी के संकटकाल के बावजूद मुख्यमंत्री भूपेश बघेल के नेतृत्व में किसानों की कर्जमाफी, धान खरीदी, गोधन न्याय योजना, लघु वनोपजों का संग्रहण एवं समर्थन मूल्य पर खरीदी तथा मनरेगा के माध्यम से नियमित रूप से ग्रामीणों को रोजगार एवं आय का साधन उपलब्ध कराकर प्रदेश सरकार ने लोगों को आर्थिक संबल प्रदान किया है। उन्होंने कहा कि गौ-माता के संरक्षण एवं संवर्धन तथा गौपालकों को आय का अतिरिक्त जरिया उपलब्ध कराने के उददेश्य से छत्तीसगढ़ राज्य में संचालित की जा रही गोधन न्याय योजना अपने आप में अनूठी है।
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