Home देश मध्यप्रदेश तालाब में मिले विचित्र मेंढक को देखने के लिए उमड़ पड़ी लोगो...

तालाब में मिले विचित्र मेंढक को देखने के लिए उमड़ पड़ी लोगो की भीड़

मेंढक पृथ्वी पर उभयचर प्राणी हैं, जो जमीन और जल दोनों में रहकर कीड़े-मकोडों को खाकर पर्यावरण का संतुलन बनाता है

430610-1707
फ़ाइल् फोटो

भोपाल-नरसिंहपुर जिले के आमगांव में एक तालाब में अचानक पीले नीबू रंग के मेंढक की उपस्थिति स्थानीय लोगों के कौतूहल और आकर्षण का केन्द्र बन गया। यहां बड़ी संख्या में अचानक बहुत से पीले मेंढक दिखे जिनके गले में गहरे नीले रंग की गुब्बारे की आकृति (वोकल सेक) उनकी सुंदरता में चार चांद लगा रही थी। वन विभाग के अधिकारियों ने बताया कि यह भारतीय नर बुलफ्रॉग है, जो अक्सर प्रजनन काल में अपना रंग बदलकर चमकीले पीले रंग के हो जाते है।

सेवानिवृत्त प्रधान मुख्य वन संरक्षक जीतेन्द्र अग्रवाल ने बताया कि मध्यप्रदेश में यह मेंढक मानसून के दौरान कभी-कभी देखे जाते हैं। उन्होंने तकरीबन 6-7 साल पहले सतपुड़ा टाईगर रिजर्व में इन्हें देखा था। पूर्व प्रधान मुख्य वन संरक्षक श्री रवीन्द्र सक्सेना ने बताया कि यह मेंढक सामान्य रूप रंग के ही होते है परंतु मानसून में प्रजनन काल के दौरान मादा मेंढक को रिझाने इनके पिगमेंट का रंग हल्दी जैसा पीला हो जाता है।

संसदीय सचिव ने महासमुंद से कनेकरा सड़क मार्ग निर्माण का किया भूमिपूजन

वहीं इनके गले की वोकल सेक भी गहरे नीले रंग की हो जाती है। यह नजारा भारत के अलावा बॉग्लादेश, म्यामार पाकिस्तान में भी कहीं-कहीं दिखता है। भारत में जहां कम वर्षा होती है, वहां कभी-कभी यह नजारा देखने को मिल जाता है। इस साल नरसिंहपुर में काफी कम वर्षा हुई है।

जैव विविधता बोर्ड के सदस्य  श्रीनिवास मूर्ति ने बताया कि कुछ दिनों बाद यह वापस पीले रंग से सामान्य रंग में आ जाते है। इंडियन बुल फ्रॉग भारत के तालाब, पोखर, नाले आदि में पायी जाने वाली आम प्रजाति है। कई बार कम वर्षा और तापमान बढ़ने वाले इलाकों में यह आम तौर पर गहरे हरे रंग के मेंढक प्रजनन काल में गहरे पीले रंग का रूप धारण कर लेते हैं। भारतीय बुलफ्रॉग अपना ज्यादातर समय जमीन पर भोजन की तलाश बिताते हैं। जो उनके मुँह में समा सके ऐसी किसी भी चीज जैसे अन्य मेंढक, चूहे, छोटे पक्षी, साँप आदि को खाते हैं।

28 राज्यों के लिए 15वें वित्त आयोग के तहत अनुदान की 15187.50 करोड़ रुपये की किस्त जारी

उल्लेखनीय है कि मेंढक पृथ्वी पर ऐसे पहले उभयचर माने जाते हैं, जो जमीन और जल दोनों में रहकर कीड़े-मकोडों को खाकर पर्यावरण संतुलन बनाये रखने में मदद करते हैं। जल और पृथ्वी दोनों जगह की जैव-विविधता आहार श्रृंखला बनाये रखने में इनका अति महत्वपूर्ण योगदान है।

एप्प से मिलेगी बिजली गिरने से पूर्व चेतावनी

 

*** To Read More News, See At The End of The Page-

जुड़िये हमसे :-***
WatsApp https:FLvSyB0oXmBFwtfzuJl5gU