दूर्ग-नर्सिंग होम एक्ट 2013 के तहत बनाए गए प्रावधानों (Provisions)का पालन किए बिना चिकित्सालय संचालित करने वाले 7 चिकित्सालयों को नोटिस जारी कर सात दिवस के भीतर जरूरी दस्तावेजों (The documents)को प्रस्तुत करने कहा गया हैं।
नोटिस जारी किए गए चिकित्सालय में नंदिनी नर्सिंग होम अहिवारा (Ahiwara,), बालाजी नर्सिंग होम कुम्हारी (kumhaari), राजवंशी हाॅस्पिटल विनोबा नगर जुनवानी भिलाई (bhilaai), सिद्धी विनायक हाॅस्पिटल भिलाई-3, नवजीवन हाॅस्पिटल करहीडीह(krhidhih), शिवम नर्सिंग होम सुपेला मार्केट, जीवन ज्योति हाॅस्पिटल नंदिनी रोड जामुल(jaamul) एवं साई कृपा हाॅस्पिटल पाटन (paatan), का नाम शामिल हैैै।
विदित हो कि छत्तीसगढ़ नर्सिंंग होम एक्ट 2013 लागू होने के बाद से इन संस्थओं के द्वारा चिकित्सालय संचालित किया जा रहा है। दस्तावेजों की कमी एवं अन्य कारणों से चिकित्सालयों को नर्सिंग होम एक्ट के तहत लाइसेंस जारी नहीं किया गया है। इसके बाद भी चिकित्सालय आज तक संचालित (Operated)किया जा रहा है। बिना लाइसेंस के ओ.पी.डी., आई.पी.डी. एवं आपातकालीन सेवाएं (emergency services)प्रदाय की जा रही हैं।
बिना लाइसेंस के अस्पताल का संचालन करना नर्सिंग 2013 का उल्लंघन (Violation)है। संस्था में किसी अप्रिय घटना निर्मित होती है तो उसकी जिम्मेदारी स्वयं संस्था संचालकों की होगी। नोटिस जारी होने के सात दिवस के भीतर चिकित्सालय से संबंधित दस्तावेजों की कमी को सुधार कर दस्तावेज प्रस्तुत करने पर नियमानुसार (As per rules) कार्रवाई की जाएगी।
नवा रायपुर में एकल क्षेत्रीय परिवहन प्राधिकार कार्यालय का शुभारंभ
वन तथा परिवहन मंत्री मोहम्मद अकबर ने आज नवा रायपुर अटलनगर स्थित सेक्टर-27 के गोल भवन में एकल क्षेत्रीय परिवहन प्राधिकार के कार्यालय का शुभारंभ किया। उन्होंने कार्यालय का शुभारंभ करते हुए कहा कि इससे अब वाहन मालिकों को परमिट आदि कार्यों के लिए बहुत आसानी होगी और इससे संबंधित सभी कार्य एक ही कार्यालय में सुगमता से हो सकेंगे।
इस अवसर पर क्षेत्रीय परिवहन प्राधिकार के अध्यक्ष डॉ. कमलप्रीत सिंह ने बताया कि इस कार्यालय में अब राज्य के सभी संभागों के वाहन मालिकों के वाहन परमिट (Vehicle permit) से संबंधित आवेदनों की सुनवाई होगी और इनके निराकरण में गति भी आएगी। साथ ही यहां कार्यालय में पुराने परमिट के नवीनीकरण (Renewal) का कार्य भी किया जाएगा। इसके पहले वाहन मालिकों (Vehicle owners) को काउंटर साइन के लिए अलग-अलग जगहों पर जाना पड़ता था और कार्य में विलंब भी होता था।
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