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जिला चिकित्सालय के होंगे दो भाग जीएनएम नर्सिंग सेंटर बदलेगा आइसोलेशन वार्ड में-

कोरोना से संक्रमित हो या साधारण मरीज बिना एक दूसरे के संपर्क में आए मरीजों की कि जाएगी उपचार -

सांकेतिक

महासमुंद:जिला में बढ़़ते प्रवासी मजदूरों की संख्या के साथ कोविड-19 के प्रकरण के आने से जिला प्रशासन और स्वास्थ्य विभाग संक्रमण के नियंत्रण एवं रोकथाम के लिए पुख्ता प्रबंध की तैयारी में जुटे हुए हैं। स्वास्थ्य विभाग से मिली जानकारी के अनुसार गत दिवस कलेक्टर  कार्तिकेया गोयल के निर्देशन एवं जिला पंचायत के मुख्य कार्यपालन अधिकारी डाॅ रवि मित्तल के मार्गदर्शन में जिला चिकित्सालय और जीएनएम नर्सिंग सेंटर में चिकित्सकीय प्रबंधन एवं व्यवस्थाओं को लेकर नई योजना तैयार कर काम शुरू कर दिया गया है.

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स्वास्थ्य विभाग के अधिकारी ने बताया कि इसके तहत चिकित्सालय में शीट लगा कर पार्टीशन के जरिए भवन को दो भागों में बांटा जा रहा है। पहले भाग को नाॅन कोविड पार्ट में ओपीडी व सामान्य उपचार सहित आपातकालीन सेवाएं मरीजों को निर्बाध रूप से उपलब्ध होती रहेंगी। इसी तरह दूसरे भाग को कोविड क्षेत्र के रूप में विकसित किया जाएगा। इससे दो पृथक-पृथक भागों में अलग-अलग प्रकार के मरीजों को चिकित्सकीय सेवाएं उपलब्ध कराई जाएगी, ताकि कोरोना वायरस से संक्रमित और सामान्य बीमारियों से पीड़ित मरीजों का आपसी संपर्क ना हो.

कोविड पार्ट कोे अट्ठाईस बिस्तरों सहित अत्याधुनिक उपकरणों से लैस किया गया है। यहां जिले भर से आए अनुभवी चिकित्सकीय दल की ड्यूटी लगाई जाएगी। इस नई योजना का दूसरा अहम बिंदु जीएनएम नर्सिंग सेंटर है, जहां पृथक कक्षों में पहले से आपेक्षित अधिकांश सुविधाएं उपलब्ध हैं। अब इसे पूर्ण रूप सेे आइसोलेशन वार्ड में बदलाव किया जा रहा है। दोनों तरह के बदलाव होने से सही समय पर मरीजों का उपचार करने में आसानी होगी.

आने वाले समय में आने वाले मरीजों को दो श्रेणियों में क्रमशः ए यानी कोविड पाॅजिटिव के वे मरीज जिनमें सर्दी, खांसी या बुखार जैसे कोरोनिक लक्षण नहीं होंगे, उन्हें जीएनएम नर्सिंग सेंटर के आइसोलेशन में रखा जाएगा, वहीं पार्ट बी मतलब जिला चिकित्सालय के कोविड पार्ट में कोविड-19 के ऐसे पाॅजिटिव मरीजों को उपचारित किया जाएगा, जिनमें कोरोना वायरस से संक्रमित होने के लक्षण दिखाई देंगे। सुरक्षा दायरा बढ़ाने के लिए जिला चिकित्सालय के कोविड पार्ट सहित जीएनएम आइसोलेसन वार्ड दोनों में अलग-अलग डाॅनिंग और डाॅफिंग क्षेत्र बनाए जाएंगे.

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यहां प्रवेश एवं निकासी के दौरान संक्रमण रोकथाम के लिए पीपीई किट एवं वस्त्र इत्यादि बदलने के साथ-साथ सैनिटाइजेशन की पूरी सुविधाएं उपलब्ध होगी। इस कार्य के लिए चिकित्सालय परिसर के अंतिम छोर से जीएनएम नर्सिंग सेंटर के आइसोलेशन वार्ड की ओर एक पृथक मार्ग का निर्माण भी किया जा रहा है, ताकि कोविड-19 की व्यवस्था प्रदाय करते समय अन्य चिकित्सकीय सेवाओं में संलग्न कर्मचारियों एवं मरीजों में आपसी संपर्क नहीं हो सके.

उल्लेखनीय है कि कोरोना वायरस के संक्रमण को देखते हुए यह बदलाव बहुत सोच-विचार के बाद जिला प्रशासन के अनुभवी अधिकारियों एवं चिकित्सकों की देख-रेख में किए जा रहे हैं। इस प्रकार सेवाओं और सुविधाओं के मिलने से मरीजों के लिए बाहर जा कर उपचार कराने की बाध्यता समाप्त होगी.

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