खैरलांजी बालाघाट की ओर से राजनांदगांव-कबीरधाम जिले में टिड्डी दल पहुंचने की संभावना

कृषि, उद्यानिकी और वन विभाग के मैदानी अमले को अलर्ट रहने के निर्देश

टिड्डी दल 12705

मुख्यमंत्री-भूपेश बघेल ने टिड्डी दल के संभावित प्रकोप से फसलों के बचाव के लिए समय पूर्व सभी आवश्यक तैयारी करने के निर्देश कृषि, उद्यानिकी, वन विभाग सहित राज्य के जिला कलेक्टरों को दिए हैं.टिड्डी दल के छत्तीसगढ़ के जिलों में पहुंचने के पूर्व ही उसे भगाने के लिए सभी आवश्यक उपाय सुनिश्चित किए जाने चाहिए.सीमावर्ती जिलों में टिड्डी दल के आगमन एवं उनके उड़ान भरने की दिशा पर निरंतर माॅनिटरिंग के भी निर्देश दिए हैं.

मुख्यमंत्री बघेल ने टिड्डी दल से बचाव के लिए नियंत्रण कक्ष स्थापित करने एवं पर्याप्त मात्रा में कीटनाशक दवाईयों की व्यवस्था करने को कहा है.मुख्यमंत्री ने किसानों से कहा है कि फसल या पेड़ों पर टिड्डी या टिड्डी दल दिखे तो कृषि या राजस्व विभाग के अमले अथवा जिला नियंत्रण कक्ष या किसान हेल्पलाइन टोल फ्री नम्बर-18002331850 पर तत्काल सूचना दें, ताकि टिड्डी के प्रकोप की रोकथाम के लिए आवश्यक उपाय तत्परता से किए जा सके.

टिड्डी दल के प्रकोप की रोकथाम के लिए किसानों को मार्गदर्शन व् जानकारी

केन्द्रीय एकीकृत नाशी जीव प्रबंधन केन्द्र रायपुर से प्राप्त जानकारी के अनुसार टिड्डी दल हवा की बहाव की दिशा में आगे बढ़ता है। रायसेन से खण्डवा होते हुए मोरसी अमरावती महाराष्ट्र से 27 मई को ग्राम टेंमनी तालुका तुमसर जिला भंडारा के आस पास पहुंच चुका है.28 मई को यह तुमसर महाराष्ट्र से खैरलांजी बालाघाट की ओर बढ़ रहा है.छत्तीसगढ़ की सीमावर्ती जिले राजनांदगांव,कबीरधाम की ओर बढ़ने की संभावना है.इसके अलावा टिड्डी का दूसरा दल सिंगरौली मिर्जापुर की ओर बढ़ गया है। दोनों दलों का छत्तीसगढ़ के सीमावर्ती जिलों में आने की आशंका है. छत्तीसगढ़ राज्य के मुंगेली, बिलासपुर, गौरेला पेड्रा मरवाही, कोरिया, सूरजपुर एवं बलरामपुर जिले की सीमाएं मध्यप्रदेश से लगी होने के कारण संवेदनशील है.

मुख्यमंत्री के निर्देश पर प्रधान मुख्य वन रक्षक ने छत्तीसगढ़ के वनमण्डाधिकारियों एवं मुख्य वन संरक्षकों को टिड्डी दल की सतत निगरानी  करने तथा आक्रमण होने पर तुरंत सूचना देने के साथ ही नियंत्रण की समुचित कार्यवाही तत्काल करने को कहा है.प्रधान मुख्य वन संरक्षक ने इसके नियंत्रण के लिए उपयोगी विभिन्न दवाईयों के संबंध में वन विभाग के समस्त क्षेत्रीय अमले को अवगत कराने को कहा है.बताया गया कि वन विभाग के क्षेत्रीय अमले द्वारा टिड्डी दल की संभावना को देखते हुए जिला प्रशासन से समन्वय स्थापित कर सत्त निगरानी की जा रही है.

संचालक कृषि द्वारा टिड्डी दल की निगरानी एवं नियंत्रण के लिए राज्य, संभाग एवं जिला स्तर पर नियंत्रण कक्ष एवं नोडल अधिकारी की नियुक्ति की गई है.छत्तीसगढ़ में जायद की फसलें, सब्जियां एवं फल आदि लगी हुई है.जिसे नुकसान की संभावना है.इसके नियंत्रण के लिए भारत सरकार द्वारा अनुशंसित दवाएं क्लोरोपायरीफास 20 प्रतिशत, ई.सी. 1200 मिली., या डेल्टामेथ्रिन 2.8, ई.सी. 500 मिली. या लैम्डासायहेलोथ्रिन 5 प्रतिशत ई.सी. 500 मिली. या डाइफ्लूबेंजुरान, फिप्रोनिल, मैलेथयान, आदि कीटनाशकों को 500 लीटर पानी में घोल बनाकर सुबह 4 से 9 बजे तक छिड़काव करना चाहिए.

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