विदेशों में फंसे भारतीयों को वापस लाने के सबसे बड़े अभियानों में से एक वंदे भारत मिशन के तहत सरकार सात से 13 मई के बीच 64 उड़ानें संचालित करेगी।
इन उड़ानों के जरिए नोवेल कोरोना वायरस और लॉकडाउन के कारण विदेशों में फंसे लगभग 14 हजार 800 भारतीय नागरिकों को वापस लाया जाएगा।
विदेश मंत्री एस जयशंकर ने बताया कि वंदे भारत मिशन की तैयारियां शुरू हो गईं हैं। उन्होंने विदेशों में फंसे भारतीय नागरिकों से संबंधित देशों में भारतीय दूतावासों के संपर्क में रहने का आग्रह किया था।
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64 उड़ानों में से संयुक्त अरब अमारात से 10, बांग्लादेश से सात, मलेशिया से सात, ब्रिटेन से सात, अमरीका से सात और सऊदी अरब, सिंगापुर फिलीपीन्स और कुवैत से पांच-पांच तथा कतर, बहरीन और ओमान से दो-दो उड़ानें शामिल हैं। कुल 64 उडा़नों में से 15 उड़ान केरल आएंगी। दिल्ली और तमिलनाडु में 11-11 उड़ानें आएंगी।
महाराष्ट्र और तेलंगाना में सात-सात उड़ानें आएंगी। गुजरात में पांच उड़ानों के जरिए भारतीयों का लाया जाएगा। पहले सप्ताह सबसे अधिक उड़ानों के जरिए खाड़ी देशों से भारतीय नागरिकों को वापस लाया जाएगा।
इस बीच नौसेना ने पुष्टि की है कि मालदीव और संयुक्त अरब अमारात में फंसे भारतीयों को वापस लाने के लिए तीन जलपोत तैनात किए गए हैं।
आईएनएस जलाश्व और आईएनएस मगर मालदीव से भारतीयों को लाएंगे। आईएनएस शार्दुल, दुबई से भारतीयों को वापस लाएगा।
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