छत्तीसगढ़ में विदेशी निवेश आमंत्रित करने की रणनीति को दी सैद्धांतिक सहमति मुख्यमंत्री ने

उद्योग विभाग ने विदेशी निवेश की संभावनाओं के मद्देनजर दिया प्रस्तुतीकरण

उद्योग विभाग की बैठक

 रायपुर-मुख्यमंत्री  भूपेश बघेल ने छत्तीसगढ़ राज्य में प्रत्यक्ष विदेश निवेश के संबंध में उद्योग विभाग के प्रस्तावित कार्ययोजना को  सैद्धांतिक सहमति प्रदान कर दी है। उन्होंने उद्योग विभाग के प्रमुख  सचिव को कुछ चुनिंदा सेक्टर के उद्योगों को छत्तीसगढ़ में आमंत्रित करने हेतु आवश्यक चर्चा एवं पत्राचार करने की भी बात कही।

राज्य में ऑटोमोबाइल, आयरन एवं स्टील, भारी इंजीनियरिंग, इलेक्ट्रिक वायर एवं ऑप्टिकल फायबर, कन्ज्यूमर ड्यूरेबल्स, टेक्सटाईल, इलेक्ट्रानिक्स आदि उद्योगों की स्थापना के लिए प्राथमिकता से विदेशी पूंजी निवेश के संबंध में विस्तार से चर्चा की गई।

इस अवसर पर उद्योग मंत्री  कवासी लखमा, मुख्यमंत्री के अपर मुख्य सचिव सुब्रत साहू, उद्योग विभाग के प्रमुख सचिव मनोज पिंगुआ सहित अन्य अधिकारी उपस्थित थे।

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    प्रमुख सचिव उद्योग मनोज पिंगुआ ने पावर पाइंट प्रेजेन्टेशन के माध्यम से विदेशी पूंजी निवेश के संबंध में प्रस्तुतीकरण देते हुए बताया कि कोविड-19 संक्रमण की वजह से वर्तमान में विश्व में जो स्थिति निर्मित हुई है, उसको देखते हुए भारत, विशेषकर छत्तीसगढ़ राज्य में चीन से बाहर निकलने को इच्छुक विदेशी औद्योगिक संस्थानों को यहां उद्योग स्थापित करने के लिए आमंत्रित करने के अवसर निर्मित हुए हैं।

उन्होंने बताया कि यू.एस.ए., जापान, दक्षिण कोरिया, ताईवान एवं वियतनाम की प्रमुख कंपनियों को छत्तीसगढ़ में अपना उद्योग स्थापित करने के लिए आमंत्रित किया जा सकता है। उन्होंने बताया कि इस संबंध में विभाग द्वारा प्रारंभिक तैयारियां शुरू कर दी गई है।

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प्रमुख सचिव पिंगुआ ने बताया कि उक्त देशों की कंपनियों की कई ईकाइयाँ भारत में पहले से ही कार्यरत हैं। उन्हें छत्तीसगढ़ राज्य में भी अपना उद्यम शुरू करने के लिए आमंत्रित किया जाना उपयुक्त होगा, इसके लिए आवश्यक सुविधाएँ एवं रियायते भी दी जा सकती है।

प्रमुख सचिव पिंगुआ ने बताया कि विदेशी कंपनियों को छत्तीसगढ़ में उद्योग स्थापना के लिए सिंगल स्ट्रोक क्लीयरेंस, प्लग एण्ड प्ले सुविधा के साथ भूमि, कुशल श्रम शक्ति, प्रोजेक्ट की स्वीकृति का सरलीकरण, निवेश पैकेज, स्थानीय निवेशकों से साथ ज्वाईंट वेंचर, आवश्यक अधोसंरचना, बिजली, पानी के अधिभार में छूट दिया जा सकता है।

विदेशी निवेश सम्बंधी त्वरित निर्णय लेने हेतु मुख्य सचिव की अध्यक्षता में वरिष्ठ सचिवो की समिति गठित करने की सहमति भी दी गयी है ।

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