प्रधानमंत्री ने सोशल मीडिया साइट लिंक्डइन के ज़रिए कोविड-19 संकट पर रखी अपनी राय

प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी लगातार न सिर्फ़ कोरोना महामारी को लेकर सारी स्थिति की खुद मॉनीटरिंग कर रहे हैं, बल्कि बड़े और अहम फैसलों के जरिए देश को इस चुनौती से निकालने में लगे हैं. रविवार को उन्होंने सोशल मीडिया साइट लिंक्डइन के जरिए न सिर्फ़ पूरे परिदृश्य को लेकर अपनी राय रखी है बल्कि नवाचार और अन्य मुद्दों को लेकर देशवासियों को प्रोत्साहित भी किया.

वर्क फ्रॉम होम के इस दौर में प्रधानमंत्री ने लोगों से अपनी सेहत का ख्याल रखने के लिए भी कहा. उन्होंने कहा कि इसमें आयुष और योग जैसे उपाय कारगर साबित हो सकते हैं. लोगों से उन्होंने एक बार फिर आरोग्य सेतु एप को डाउनलोड करने की अपील भी की. पीएम ने कहा कि हिन्दुस्तान के युवा अपने नवाचार के जरिए दुनिया को नया वर्क कल्चर दे सकते हैं

प्रधानमंत्री ने कहा कि ऐसे बिज़नेस या लाइफ स्टाइल मॉडल के बारे में सोचना चाहिए, जिसको आसानी से अपनाया जा सकता है. खासतौर से ऐसा मॉडल जो आपदा के समय भी जारी रह सके और ये वक़्त की ज़रूरत भी है. इस माहौल में डिजिटल पेमेंट और टेलीमेडिसिन जैसे उपायों को और आगे बढ़ाने की ज़रूरत है.

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पीएम ने कहा कि कुशलता या दक्षता का पैमाना कार्यालय में उपस्थिति के बजाए इस बात में होनी चाहिए कि उसकी उत्पादकता कितनी है. आकलन इस बात से होना चाहिए कि कोई दिए काम को नियत समय पर किस तरह करता है. हमारे बिजनेस मॉडल में समाज के सबसे गरीब और कमजोर तबके के ख्याल की भी सोच होनी चाहिए. इसके साथ ही इस बात पर भी ध्यान दिए जाने की जरूरत है कि कैसे उन उपायों को लागू करें, जिससे हमारे पर्यावरण की चिंता हो सके.

प्रधानमंत्री ने कहा कि किसानों की जिंदगी को और आसान बनाने के लिए नवाचार के साथ ही किफायती दर पर स्वास्थ्य सुविधा वाले मानवीय उपायों के बारे में सोचने की जरूरत है. दूसरी आपदाओं की तरह कोविड-19 भी कई अवसरों को लेकर आएगा. हमें ये सोचने की जरूरत है कि महामारी के बाद किस तरह के नए अवसर आ सकते हैं और उसमें हम अपनी स्किल और क्षमताओं का इस्तेमाल कैसे कर सकते हैं.

प्रधानमंत्री ने कहा कि हमारे सभी कामों में एकता और भाइचारे को आगे बढ़ाने वाली सोच होनी चाहिए. भारत अपने भौतिक और वर्चुअल संसाधनों के सहारे आधुनिक सप्लाई चेन में एक तरह से वैश्विक केंद्र बन सकता है, जिसे लेकर काम करने की जरूरत है.पीएम ने कहा कि JAM यानि जन-धन, आधार और मोबाइल प्लेटफॉर्म के जरिए 2014 के बाद से अब तक दुनिया में इस तरह का सबसे बड़ा इन्फ्रास्ट्रक्चर तैयार हुआ है. इसके जरिए न सिर्फ़ जरूरतमंदों तक पहुंचा जा सकता है, बल्कि इसने भ्रष्टाचार पर लगाम भी लगाई है. कोविड-19 के दौरान इसके जरिए करोड़ों लोगों तक मदद पहुंचाई गई.

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