बांग्लादेश के पूर्व राष्ट्रपति मुजीबुर रहमान की हत्या के दोषी अब्दुल माजिद को ढाका में देर रात सेंट्रल जेल में फांसी दे दी गई। अब्दुल माजिद को इसी मंगलवार को ढाका से गिरफ्तार किया गया था।1975 में हुए तख्तापलट में बांग्लादेश के संस्थापक शेख मुजीबुर रहमान की हत्या कर दी गई थी। अब्दुल मजीद को शनिवार रात 12 बजकर एक मिनट पर केरानीगंज में ढाका केन्द्रीय कारागार में फांसी के फंदे पर लटका दिया गया।
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राष्ट्रपति अब्दुल हमीद द्वारा बुधवार को दया याचिका ठुकराए जाने के बाद माजिद की मौत की सजा को चार दिनों के भीतर ही अंजाम दे दिया गया। लगभग 25 साल तक भारत में छिपे रहने के बाद उसे मंगलवार को ढाका से गिरफ्तार किया गया था। इससे पहले बांग्लादेश के राष्ट्रपति अब्दुल हामिद ने मंगलवार को उसकी दया याचिका खारिज कर दी थी, जिसके बाद उसे फांसी देने का रास्ता साफ हो गया था। माजिद ने सार्वजनिक रूप से स्वीकार किया था कि उसने बंगबंधु रहमान की हत्या की है। माजिद, रहमान की हत्या में शामिल रहे उन दर्जनों लोगों में से एक है जिनकी फांसी की सजा को 2009 में सुप्रीम कोर्ट ने बरकरार रखा था।
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1998 में निचली अदालत ने कुछ सैन्य अधिकारियों को फांसी की सजा सुनाई थी जो कि रहमान और उनके परिवार के सदस्यों की हत्या में शामिल रहे थे।बांग्लादेश की प्रधानमंत्री शेख हसीना ‘बंगबंधु’ शेख मुजीबुर रहमान की बेटी हैं। मुजीबुर रहमान अवामी लीग के अध्यक्ष थे। बंगबंधु शेख मुजीबुर रहमान और उनके अधिकतर परिजनों की 15 अगस्त 1975 को की गई हत्या का दोषी पाए जाने पर 12 पूर्व सैन्य अधिकारियों को मौत की सजा सुनाई गई थी। दोषियों में से पांच को 2010 में फांसी दे दी गई थी जबकि एक की प्राकृतिक कारणों से मौत हो गई थी। अन्य दोषियों को अदालत में पेश कर मुकदमा चलाया गया था।
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