स्वदेश निर्मित हलके लड़ाकू विमान ‘तेजस’ की खरीद में रक्षा मंत्रालय ने 10 हजार करोड़ रुपए की बचत की है। रक्षा मंत्रालय की वित्त शाखा और भारतीय वायु सेना (आईएएफ) ने हिंदुस्तान एयरोनॉटिक्स लिमिटेड (एचएएल) के साथ लगातार मोलभाव करके कीमत पर आखिरी समझौता किया है।
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रक्षा खरीद परिषद ने उन्नत संस्करण के 83 तेजस विमानों की खरीद को मंजूरी दे दी। रक्षा खरीद परिषद ने अनुबंध संबंधी एवं अन्य मुद्दों को अंतिम रूप देने के बाद हिंदुस्तान एयरोनॉटिक्स लिमिटेड से और उन्नत MK-1A संस्करण के 83 विमानों की खरीद का मार्ग प्रशस्त कर दिया। हिंदुस्तान एयरोनाटिक्स लिमिटेड को 40 तेजस विमानों का आर्डर किया गया था।
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जनरल विपिन रावत के चीफ ऑफ डिफेंस स्टाफ (सीडीएस) बनने और डिपार्टमेंट ऑफ डिफेंस (डीओडी) व डिपार्टमेंट ऑफ मिलिट्री अफेयर (डीएमए) के गठन के बाद यह डीएसी की पहली बैठक थी। रक्षा मंत्रालय के मुताबिक इस नई व्यवस्था में निर्णय लेने में काफी आसानी हो गई है। मंत्रालय के मुताबिक, मेक इन इंडिया के तहत यह बड़ी स्वदेशी सौदों में एक होगा।
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— DNS (@DNS11502659) March 19, 2020