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वित्त मंत्री ने की 73 हज़ार करोड़ रुपए के प्रोत्साहन पैकेज की घोषणा

विशेष महोत्सव अग्रिम योजना’ फि‍र से शुरू की गई है

Finance Minister

दिल्ली-वित्‍त मंत्री निर्मला सीतारामण ने देश के अर्थव्यवस्था को डिमांड को बढ़ावा देने के लिए सरकार ने सोमवार को 73 हज़ार करोड़ रूपए के प्रोत्साहन पैकेज की घोषणा की है। इस पैकेज में सरकारी कर्मचारियों को कैश एल.टी.सी. सुविधा और राज्य सरकारों के लिए ब्याज मुक्त कर्ज के अलावा बुनियादी ढांचे में निवेश में बढ़ोत्तरी जैसे बड़े कदम शामिल हैं।

आज नई दिल्‍ली में संवाददाताओं को संबोधित करते हुए उन्होंने देश में मांग को बढाने के कुछ नये प्रस्तावों का ब्यौरा दिया। उन्होंने बताया कि नये प्रस्तावों के तहत मांग में वृद्धि के लिए एलटीसी वाउचर और फेस्टिवल एडवांस दिया जाएगा। वित्तमंत्री ने बताया कि केन्द्र और राज्य सरकारों द्वारा पूंजीगत व्यय के लिए अतिरिक्त 37 हजार करोड रूपये दिये जायेंगे।

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उन्होंने बताया कि सरकारी कर्मचारियों को एलटीसी की 2018-21 ब्लॉक अवधि के लिए दस दिन की छुट्टी के बदले नकद भुगतान किया जाएगा और पात्रता के अनुसार यात्रा किराया दिया जाएगा। वित्त मंत्री सीतारामण ने बताया कि इस योजना के लाभार्थी को एलटीसी भुगतान की राशि और यात्रा किराये की तीन गुणा राशि से वस्तुओं और सेवाओं की खरीद के बारे में जीएसटी इनवॉयस देना होगा।

वित्तमंत्री ने बताया कि इस नये प्रस्ताव पर केन्द्र सरकार को लगभग पांच हजार 675 करोड रूपये खर्च करने होंगे। अगर राज्य सरकारें भी इन प्रस्तावों को इसी प्रकार लागू करती हैं तो 28 हजार करोड रूपये की उपभोक्ता मांग का सृजन हो सकता है।

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वित्त मंत्री ने राज्य सरकारों को 50 साल के लिए बिना किसी ब्याज के 12,000 करोड़ रूपए को कर्ज का ऐलान किया है। इसमें 2500 करोड़ रूपए उत्तर पूर्व और हिमालयन राज्यों के लिए 7500 करोड़ रूपए बाकी के राज्यों और 2000 करोड़ उन राज्यों के लिए रखे गए हैं जो आत्मनिर्भर भारत के तहत वन नेशन वन राशन कार्ड अथवा पॉ़वर रिफार्म्स पर अच्छा प्रदर्शन करेंगे। राज्यों को अगले 50 सालों तक एक भी पैसा वापिस नहीं करना होगा और राज्यों के लिए अतिरिक्त राहत से कम नहीं । ये पैसा 31 मार्च से पहले खर्च किया जाएगा और पहले से ही चल रही योजनाओँ के भुगतान के लिए भी किया जा सकता है ।

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अर्थव्यवस्था में मांग को बढ़ाने के लिए सबसे बेहतरीन फैसला लिया गया पूंजीगत खर्चा बढ़ाने का। जहां एक ओर बजट में 3.12 लाख करोड़ के पूंजीगत खर्च की व्यवस्था पहले से ही की गई है वहीं वित्त मंत्री ने 31 मार्च तक 25,000 करोड़ और खर्च करने का ऐलान किया। ये पैसा सड़क निर्माण, रक्षा उपकरणों, पानी की सप्लाई और शहरी विकास की परियोजनाओँ में किया जाएगा।

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इसके साथ ही वित्त मंत्री लगातार सार्वजनिक क्षेत्र के उपक्रमों के साथ पूंजीगत खर्च बढ़ाने को लेकर चर्चा कर रही हैं। वित्त मंत्री ने निजी क्षेत्र से भी अपील की है कि वे अर्थव्यवस्था में मांग को बढ़ावा देने के लिए सरकार का साथ दें। लेकिन इतया तो तय है कि कोविड 19 महामारी की वजह से जिन लोगों को आर्थिक परेशानी झेलनी पड़ी ,इक़ॉनामी में डिमांड वापिस आने से फायदा भी सबसे पहले उन्हीं को होना तय है।

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वित्तमंत्री ने बताया कि इस योजना के तहत सरकारी कर्मचारी त्योाहार से पहले दस हजार रूपये ले सकेगा जिस पर ब्याज नहीं लगेगा। उन्होंने बताया कि यदि पचास प्रतिशत राज्य इस योजना को लागू करते हैं तो मांग क्षेत्र में ल्रभग आठ हजार करोड रूपये की वृद्धि की संभावना है। पूंजीगत व्यय के तहत उपयोग के लिए राज्यों को विशेष सहायता के बारे में वित्तमंत्री ने बताया कि विशेष ब्याज मुक्त ऋण का भुगतान पचास वर्ष में करना होगा। इसके लिए 12 हजार करोड रूपये दिए जायेंगे। सहायता योजना के तहत पूर्वोत्तर राज्यों और उत्तरी राज्यों – हिमाचल प्रदेश और उत्तराखंड को दो हजार पांच सौ करोड रूपये दिये जायेंगे

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