Delhi:-भारत सरकार ने नीलामी के लिए 72,098 मेगाहर्ट्ज स्पेक्ट्रम MHz spectrum रखा था, जिसमें से 51,236 मेगाहर्ट्ज (कुल का 71 प्रतिशत) 1,50,173 करोड़ रुपये की बोली के साथ बेचा गया है।
मेसर्स अडानी डेटा नेटवर्क्स लिमिटेड ने एमएम वेव बैंड (26 गीगाहर्ट्ज़) में 400 मेगाहर्ट्ज स्पेक्ट्रम प्राप्त किया है। मेसर्स भारती एयरटेल लिमिटेड ने 900, 1800, 2100, 3300 मेगाहर्ट्ज और 26 गीगाहर्ट्ज़ बैंड में 19,867.8 मेगाहर्ट्ज प्राप्त किया है। मेसर्स रिलायंस जियो इन्फोकॉम लिमिटेड ने 700, 800, 1800, 3300 मेगाहर्ट्ज और 26 गीगाहर्ट्ज़ में 24,740 मेगाहर्ट्ज स्पेक्ट्रम प्राप्त किया है। मेसर्स वोडाफोन आइडिया लिमिटेड ने 1800, 2100, 2500, 3300 मेगाहर्ट्ज और 26 गीगाहर्ट्ज़ में 6,228 मेगाहर्ट्ज स्पेक्ट्रम प्राप्त किया है।
1,50,173 करोड़ रुपये की कुल बोली राशि में अडानी डेटा नेटवर्क की 212 करोड़ रुपये की भारती एयरटेल लिमिटेड की 43,048 करोड़ रुपए की, रिलायंस जियो इन्फोकॉम की 88,078 करोड़ रुपए और वोडाफोन आइडिया लिमिटेड की 18,799 करोड़ रुपए की बोलियां शामिल हैं।
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700 मेगाहर्ट्ज में, 5जी इकोसिस्टम अच्छी तरह से विकसित है। इसका एक बड़ा सेल आकार है और बुनियादी ढांचे की आवश्यकता कम है। यह बैंड एक बड़ी रेंज और अच्छी कवरेज उपलब्ध करता है। मैसर्स रिलायंस जियो ने अखिल भारतीय 10 मेगाहर्ट्ज स्पेक्ट्रम प्राप्त किया है।
800 से 2,500 के बीच के बैंड के लिए, प्रतिभागियों ने मुख्य रूप से क्षमता बढ़ाने और 4जी कवरेज में सुधार के लिए स्पेक्ट्रम हेतु बोली लगाई है।
मिड बैंड यानी 3300 मेगाहर्ट्ज बैंड अच्छी प्रवाह क्षमता (थ्रूपुट) प्रदान करने में महत्वपूर्ण है। तीनों मौजूदा ऑपरेटरों ने इस बैंड में स्पेक्ट्रम प्राप्त कर लिया है। ऑपरेटरों द्वारा मौजूदा 4जी क्षमता को बढ़ाने और 3300 मेगाहर्ट्ज बैंड में 5जी सेवाएं उपलब्ध कराने की संभावना है।
एमएम वेव बैंड यानी 26 गीगाहर्ट्ज में उच्च प्रवाह क्षमता है, लेकिन की रेंज बहुत कम है। इस बैंड के कैप्टिव या गैर-सार्वजनिक नेटवर्क के लिए उपयोग किए जाने की संभावना है। इस बैंड में पूरे विश्व में फिक्स्ड वायरलेस एक्सेस (एफडब्ल्यूए) लोकप्रिय हो रहा है। एफडब्ल्यूए को उच्च घनत्व/भीड़ वाले शहरी क्षेत्रों में फाइबर के विकल्प के रूप में इस्तेमाल किया जा सकता है। सभी चार प्रतिभागियों ने इस बैंड में स्पेक्ट्रम प्राप्त किया है।
स्पेक्ट्रम आवंटन की प्रक्रिया समय सीमा के भीतर पूरी कर ली जाएगी और 5जी सेवाएं सितंबर/अक्टूबर तक शुरू होने की संभावना है। टेलीकॉम कनेक्टिविटी के लिए स्पेक्ट्रम बहुत जरूरी है। स्पेक्ट्रम की बेहतर उपलब्धता से सेवाओं की गुणवत्ता में सुधार होने का अनुमान है।
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